जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को कहा था कि आतंकवादियों को पुलिसवालों की जगह भ्रष्ट राजनेताओं की हत्या करनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद सियासत गरम है और विवाद बढ़ गया है। विवाद को बढ़ता देख उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल होने के नाते मुझे ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था, लेकिन मेरी व्यक्तिगत भावना वैसी ही है जैसी मैंने कही।
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बता दें कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को कहा था कि आतंकियों को हत्या ही करनी है तो वे निर्दोष लोगों के बजाए कश्मीर को लूटने वाले भ्रष्ट लोगों की हत्या क्यों नहीं करते हैं। कारगिल में आयोजित कारगिल-लद्दाख पर्यटन महोत्सव-2019 का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल ने कहा था, “आतंकियों एसपीओ और पीएसओ समेत निर्दोष लोगों की हत्या क्यों करते हो? आपको इससे क्या लाभ मिलेगा?”
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उन्होंने आगे कहा था, “अगर आपको हत्या ही करनी है तो आप देश और कश्मीर को लंबे समय से लूटने वाले भ्रष्टाचारियों की हत्या क्यों नहीं करते?” मलिक ने कहा कि आतंकियों में भारत सरकार की शक्ति को समाप्त करने की ताकत नहीं है। उन्होंने कहा था, “आपका संघर्ष बेकार है। आप बेकार में अपनी जानें गंवा रहे हैं।”
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उन्होंने कहा था, “हमारा अनुमान है कि इस समय 125 विदेशी आतंकी समेत 250 आतंकी मौजूद हैं। मुठभेड़ों में विदेशी आतंकियों को मारने में दो दिन का समय लगता है जबकि स्थानीय आतंकियों को सिर्फ दो घंटे का वक्त लगता है। एलटीटीई कभी दुनिया में सबसे ताकतवर आतंकी संगठन था। आज वह कहां है?” उन्होंने कश्मीरी में जमीनी हालात बदलने को लेकर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि लोग अब शांति की बात करते हैं।
मलिक ने गृहमंत्री अमित शाह के घाटी के हालिया दौरे का जिक्र करते हुए कहा, “पिछले 30 साल में पहली बार देश के गृहमंत्री के कश्मीर के दौरे के समय कोई घटना नहीं हुई।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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