हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार में किसान आंदोलन ने भारी उथल-पुथल पैदा कर दी है। सरकार को समर्थन दे रही जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और निर्दलीय विधायकों का खट्टर सरकार पर मसला जल्द सुलझाने को लेकर भारी दबाव है। इस आंदोलन को लेकर बीजेपी विधायकों की बेचैनी भी सामने आ रही है। मंगलवार को राज्य की सियासत का तापमान उस वक्त अचानक फिर बढ़ गया जब सरकार को समर्थन दे रहे पांच निर्दलीय विधायकों और जेजेपी के विधायक जोगीराम सिहाग ने किसानों के समर्थन में पंचकूला में गुपचुप एक बैठक की। इसके बाद इनमें से चार विधायकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मुलाकात की।
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हरियाणा के किसानों की आंदोलन में भारी तादाद में भागीदारी सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों और जन नायक जनता पार्टी को परेशान कर रही है। यही वजह है कि मंगलवार का दिन राज्य की सियासत में एक बार फिर बड़ी हलचल लेकर आया। पंचकूला के सेक्टर 12ए में निर्दलीय विधायकों की एक गुप्त बैठक ने सियासी तापमान बढ़ा दिया। बैठक में पृथला के विधायक नयनपाल रावत, पूंडरी के विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान, बादशाहपुर से विधायक राकेश दौलताबाद और जजपा के विधायक जोगीराम सिहाग शामिल हुए।
बैठक में किसानों के मुद्दों पर इन सभी विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा सरकार से जल्द हल निकालने का आग्रह करने का फैसला लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री से मिलने का निर्णय लिया गया। 4 निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ,नयनपाल रावत,रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर मुख्यमंत्री से फिर मिलने गए। इन विधायकों ने किसानों के मुद्दे को जल्द निपटाने की मुख्यमंत्री से मांग की।
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निर्दलीय विधायक एवं पर्यटन विभाग के चेयरमैन रणधीर गोलन ने बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि "आज दोपहर पंचकूला में 5 निर्दलीय और एक जेजेपी के विधायक ने किसानों के मुद्दे पर बैठक की थी।" गोलन ने कहा कि इस बैठक में तय हुआ था कि किसानों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने चारों विधायकों से हुई बातचीत में यह आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे पर जल्द केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत की जाएगी।
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गोलन ने कहा कि "हमारी मुख्यमंत्री से अपील थी कि इस मामले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द किसानों के हित में फैसला लें। मैं विधायक के साथ-साथ किसान भी हूं। किसानों का आंदोलन सरकार जल्द ख़त्म करवाए। गोंदर ने कहा कि मेरे पास खुद की जमीन तो नहीं है, लेकिन मैंने किसानी की है। मैं किसानों का दर्द समझता हूं। इस मामले में देश के प्रधानमंत्री को किसानों की बात सुननी चाहिए।"
वहीं धर्मपाल गोंदर ने कहा कि यह आंदोलन अब और ज्यादा लंबा नहीं चलना चाहिए, बल्कि सरकार को इसे बातचीत के माध्यम से निपटाना चाहिए।
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