झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में सहायक शिक्षकों (आचार्य) के 26 हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पर लगाई गई रोक हटा ली है। नियुक्ति में आरक्षण के प्रावधानों को लेकर चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 30 सितंबर को चीफ जस्टिस संजय मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने नियुक्ति के विज्ञापन के बाद शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। अब आवेदन की प्रक्रिया फिर शुरू होगी।
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दरअसल, सहायक शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने बीते अगस्त महीन में महीने जारी किया था। इसमें पूर्व से अनुबंध पर कार्यरत पारा शिक्षकों के लिए पचास फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था, लेकिन झारखंड शिक्षा परियोजना के बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स पर्सन) और सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स पर्सन) को इस आरक्षण के दायरे से बाहर रखा गया था।
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बीआरपी-सीआरपी को भी आरक्षण का लाभ देने की मांग को लेकर बहादुर महतो ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका में कहा गया है कि पिछली नियमावली में बीआरपी-सीआरपी को भी आरक्षण का लाभ प्राप्त था। हाईकोर्ट ने इस मामले में जेएसएससी ( झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
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गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने कोर्ट से नियुक्ति पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया। कोर्ट ने सरकार के आग्रह को स्वीकार कर लिया, लेकिन जेएसएससी को निर्देश दिया है कि पार्थियों के लिए एक सौ सीट सुरक्षित रखें।हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि यह नियुक्ति प्रक्रिया अदालत के अंतिम निर्णय से प्रभावित होगी। उल्लेखनीय है कि झारखंड में पहली बार एक साथ 26,000 सहायक शिक्षकों (आचार्यों) की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें पारा शिक्षकों के लिए 12,868 पद आरक्षित किए गए थे।
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