नए साल की दस्तक के साथ ही झारखंड की सियासत में हलचल काफी तेज हो गई है और कई तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। सीएम हेमंत सोरेन ने 31 दिसंबर, 2023 की डेडलाइन तक कोई जवाब नहीं देकर ईडी के सातवें और आखिरी समन को भी नकार दिया है। इस बीच अब सत्तारूढ़ जेएमएम के एक विधायक सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफा दे देने से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में राज्य की सियासत में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिल सकता है।
ईडी अब जांच में असहयोग का हवाला देकर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के लिए अदालत से वारंट मांग सकती है। चर्चा है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को नया नेता चुन सकता है और उन्हें राज्य की नई मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई जा सकती है। इसीलिए गांडेय क्षेत्र से जेएमएम विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे को सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि इससे रिक्त होने वाली सीट पर भविष्य में कल्पना सोरेन को विधायक का चुनाव लड़ाया जा सके।
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संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार सत्तारूढ़ पार्टी या गठबंधन किसी भी गैर विधायक को नेता चुनता है, तो उसके सीएम बनने में तत्काल कोई अड़चन नहीं आएगी, लेकिन छह महीने के अंदर उसका विधायक बनना अनिवार्य होगा। सरफराज अहमद गिरिडीह जिले के गांडेय क्षेत्र से जेएमएम के विधायक थे। उन्होंने साल की आखिरी तारीख 31 दिसंबर को विधायकी से इस्तीफा दिया और तत्काल प्रभाव से स्पीकर ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। 1 जनवरी की सुबह विधानसभा के प्रभारी सचिव जावेद हैदर के हस्ताक्षर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। आनन-फानन में घटित इस घटनाक्रम के बाद ही राज्य के सियासी गलियारे में कयासों का सिलसिला तेज हो गया है।
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बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने यह खबर सामने आते ही एक्स पर पोस्ट किया, "झारखंड के गांडेय क्षेत्र के विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफा दिया। इस्तीफा स्वीकार हुआ। हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी। नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक।"
झारखंड के चर्चित राजनीतिज्ञ और जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भी इस घटनाक्रम को लेकर एक्स पर लिखा, "खालिस कयास है। जल्द होने की संभावना है। झारखंड में सत्ता बदलेगी तो नवागंतुक के लिए गिरिडीह जिले की गांडेय विधानसभा सीट खाली होगी। गांडेय वाले सज्जन मित्र राज्यसभा को सुशोभित करेंगे। ईश्वर से प्रार्थना कि नव वर्ष में जो भी हो, राज्य, जनता और राजनीति के लिए शुभ हो। सभी को शुभकामनाएं।"
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राजनीति के जानकारों की मानें तो निशिकांत दुबे और सरयू राय जैसे राजनेताओं के इस तरह के सोशल मीडिया पोस्ट को केवल कयासबाजी नहीं माना जाना चाहिए। उनके ये बयान बदलती हुई सियासी परिस्थितियां का बयान है।
बता दें कि रांची में जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी ने बीते 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सातवीं बार समन भेजा था। एजेंसी ने इसे आखिरी समन बताते हुए उन्हें सात दिनों के अंदर बयान दर्ज कराने को कहा था। सीएम को भेजे पत्र में ईडी ने कहा था कि वे दो दिनों के अंदर यानी 31 दिसंबर तक ऐसी जगह तय करके सूचित करें, जहां उनका बयान दर्ज किया जा सके। 31 दिसंबर तक हेमंत सोरेन ने ईडी के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। माना जा रहा है कि इसके बाद ईडी उनकी गिरफ्तारी के लिए आवश्यक कानूनी कदम उठाएगी।
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