झारखंड पुलिस और सुरक्षा बलों की जोरदार दबिश की वजह से नक्सलियों ने झारखंड में अपने सबसे बड़े गढ़ बूढ़ा पहाड़ को खाली तो जरूर कर दिया, लेकिन उन्होंने जंगल में 20 किलोमीटर से भी अधिक दायरे में जगह-जगह पर जमीन के नीचे लैंडमाइन बिछा रखी है। सुरक्षा बल अब जमीन के भीतर बिछाई गई बारूदी सुरंगों और आईईडी को नाकाम करने के अभियान में जुटे हैं।
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गढ़वा जिला अंतर्गत बूढ़ा पहाड़ इलाके के तिलइया और झंडी गांव के पास सुरक्षा बलों ने जंगल में सर्च ऑपरेशन के दौरान मंगलवार को 22 केन बम समेत सात वायरलेस सेट, 9 आईडी मैकेनिज्म, हैंड ग्रेनेड, गोली का जखीरा सहित नक्सलियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कई सामान बरामद किए।
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एंटी नक्सल अभियान की अगुवाई कर रहे कोबरा बटालियन के कमांडेंट जितेन्द्र कुमार ने बताया कि ये विस्फोटक पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए छिपाकर रखा गये थे। इसके पहले बीते शनिवार को भी भंडरिया थाना क्षेत्र से छापेमारी के दौरान बड़े पैमाने पर तीन आईईडी और अन्य विस्फोटक सामग्री जब्त की गई थी।
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इधर, लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र की दामोदर घाटी के अमित पासी के घर से लातेहार पुलिस ने प्रतिबंधित नक्सली संगठ टीपीसी के पांच लाख के इनामी कमांडर राकेश गंझू उर्फ़ विराज और उसकी सहयोगी दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है। लातेहार पुलिस अधीक्षक अंजनी आंजन को मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई छापामारी के दौरान यह सफलता हासिल हुई।
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राकेश गंझू चतरा जिला के कारीमंदर का रहने वाला है। वह प्रतिबंधित टीपीसी नक्सली संगठन में जोनल कमांडर की हैसियत में है। उसके दस्ते ने चतरा, पलामू और लातेहार जिलों में दो दर्जन से भी ज्यादा वारदात अंजाम दिया है। वह पुलिस की लिस्ट में मोस्ट वांटेड था और इसी कारण उसके ऊपर 5 लाख रुपये का ईनाम रखा गया था।
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