धनबाद के कोयला क्षेत्रों में लगी आग और अंदर से खोखली होती जमीन की वजह से हर रोज हादसे हो रहे हैं। जिले के बलियापुर प्रखंड स्थित अलकडीहा ओपी क्षेत्र में पहाड़ीगोड़ा सेंट्रल सुरुंगा के पास शनिवार सुबह तेज आवाज के साथ धरती फटी। दस फीट के दायरे में जमीन फटने से चौड़ी दरार बन गई। गनीमत यह रही कि जहां जमीन फटी, वहां कोई मौजूद नहीं था। हादसे वाली जगह के पास स्थित एक मंदिर एक तरफ लगभग तीन फीट धंस गया। धंसान क्षेत्र के पास ही करीब 20-25 परिवार रहते हैं। ये लोग दहशत में हैं। इसके एक दिन पहले शुक्रवार सुबह धनबाद जिले के निरसा में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) के मुगमा क्षेत्र में भू-धंसान की बड़ी घटना हुई थी। यहां लगभग 200 मीटर के दायरे में जमीन पांच फीट धंस गई थी।
Published: undefined
धनबाद कोयला क्षेत्र में बीते दो वर्षों में भू-धंसान और जमीन फटने की कम से कम 15 घटनाएं हुई हैं। बीते 20 सितंबर को जिले के कतरास के अकाशकिनारी में अचानक तेज आवास के साथ जमीन धंसने लगी और एक बड़े आकार का गोफ (खाईनुमा गड्ढा) बन गया। दरअसल पूरे धनबाद कोयला क्षेत्र में इलाके में जितना वैध कोयले का खनन हुआ है ,उससे कहीं अधिक अवैध कोयले का उत्खनन किया गया है और अब भी किया जा रहा है। इस वजह से कई स्थानों पर जमीन अंदर से खोखली हो गई है।
Published: undefined
इसी साल मार्च महीने में धनबाद के मोदीडीह कोलियरी अंतर्गत तेतुलमुड़ी बस्ती में कुमार सिंह के आवासीय परिसर में तड़के जोरदार धमाके के साथ जमीन धंस गई थी। उनके घर की पूरी रसोई गड्ढे में दफन हो गई। कमरे में रखा फ्रीज, वाशिंग मशीन, गैस, बर्तन सहित कई सामान दरार में समा गए थे। इस भू-धंसान से एक साथ एक दर्जन घरों की दीवारों में दरारें पड़ गई थीं। सड़क जगह-जगह फट गई थी।
Published: undefined
बीते साल दिसंबर में धनबाद की मोदीडीह कोलियरी क्षेत्र में भू-धंसान की घटना में एक मस्जिद जमींदोज हो गई थी। इसके पहले यहां एक काली मंदिर और छोटी मस्जिद भी जमींदोज हो चुकी है। बीते साल अगस्त में गोविंदपुर स्थित डोमगढ़ में अचानक सड़क के बीचों-बीच जोरदार धमाके के साथ एक गोफ बन गया था और इसके साथ ही गोफ से भारी मात्रा में आग और गैस का रिसाव होने लगा था। इसकी वजह से क्षेत्र के लोगों में कई रोज तक अफरा-तफरी मची रही थी। बाद में दरार को भरा गया था। जुलाई 2021 में केंदुआडीह में अचानक जमीन धंसने से उमेश पासवान नामक एक युवक अंदर समा गया था। बाद में उसे बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला जा सका था। 18 फरवरी 2021 को झरिया के बीसीसीएल लोदना क्षेत्र अंतर्गत घनुडीह मोहरी बांध के एक 10 वर्षीय बच्चा खेलने के दौरान गोफ में समा गया था। उसकी जान भी बहुत मुश्किल से बचाई जा सकी थी। वर्ष 2017 में तो झरिया के फुलारीबाग में जमीन फटने से बबलू खान नामक एक शख्स और उनका आठ वर्षीय पुत्र रहीम जमीन के अंदर समा गए थे। इन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका था।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined