जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के आधिकारिक आवास पर हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी ने जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों में अकेले उतरने का फैसला लिया।
इस फैसले को बीते महीने केंद्र में नई सरकार से जेडीयू के बाहर रहने का विकल्प चुन लेने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री का बीजेपी को दिए गए जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। जेडीयू को कथित तौर पर कैबिनेट में एक सीट देने का प्रस्ताव दिया जा रहा था। जेडीयू ने एनडीए के सहयोगी के तौर पर बिहार में लोकसभा चुनावों में 17 सीटों में से 16 पर जीत हासिल की है।
जेडीयू की रविवार की बैठक की अध्यक्षता नीतीश कुमार ने की। इसमें पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, राज्य के अध्यक्ष व दूसरे शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। इसमें सांसदों व विधायकों ने भी भाग लिया।
सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार ने जेडीयू कार्यकर्ताओं और नेताओं से पार्टी को बिहार के बाहर मजबूत करने व नया सदस्य बनाने की महीने भर लंबी मुहिम पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। आखिरी सदस्यता अभियान तीन साल पहले 2016 में आयोजित किया गया था।
जेडीयू की योजना नए सदस्य बनाकर पार्टी को पंचायत से राष्ट्रीय स्तर तक मजबूत करने की है। बीते साल पार्टी ने 50 लाख नए सदस्य शामिल करने का लक्ष्य तय किया था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined