बिहार में बड़ी सियासी हलचल हुई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जनता दल यूनाइटेड की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें, आरसीपी सिंह पर जदयू ने ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सिंह ने आज अपने गांव मुस्तफापुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जेडीयू छोड़ने का ऐलान किया और अपनी पार्टी बनाने की बात कही।
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उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जब भी मेरी पार्टी के कार्यकर्ता या उनके परिवार के सदस्य किसी परेशानी में रहे हैं, मैंने उनकी मदद की पेशकश की है। यदि अगर आपको मुझसे नाराजगी है तो मुझसे निपटें। बच्चों को इसमें क्यों घसीटें... क्या मेरे नाम पर कोई संपत्ति है? 2010 से हमारी बेटियां रिटर्न दाखिल कर रही हैं। हमारी बेटियां आश्रित नहीं हैं।
आरसीपी सिंह से जब पूछा गया कि क्या बिहार के सीएम नीतीश कुमार पीएम बनना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि वह सात जन्मों में प्रधानमंत्री भी नहीं बनेंगे, इस जीवन में अकेले रहने दें।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने आज शनिवार को पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था। जेडीयू ने अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष को पार्टी में रहते हुए अकूत संपत्ति जुटाने के आरोप में कारण बताओ नोटिस भेजा था। नोटिस में आरोप लगाए गए हैं कि राज्यसभा सांसद और फिर केंद्रीय मंत्री रहते हुए आरसीपी सिंह ने गलत तरीके से अकूत अचल संपत्ति बनाई है।
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पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया, "नालन्दा जिला जनता दल (यू०) के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है। जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित कराया गया है। जिसमें कई प्रकार की अनियमितताएं दृष्टिगोचर होती है। आप लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता श्री नीतीश कुमार के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्त्ता के रूप में काम करते रहे हैं।
आपको माननीय नेता ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन), राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केन्द्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर पूर्ण विश्वास एवं भरोसा के साथ दिया। आप इस तथ्य से भी अवगत हैं कि माननीय नेता भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेन्स पर काम करते रहे हैं और इतने लम्बे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता (नीतिश कुमार) पर कभी कोई दाग नहीं लगा और न उन्होंने कोई संपत्ति बनायी। निदेशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिन्दुओं पर बिन्दुवार अपनी स्पष्ट राय से पार्टी को तत्काल अवगत करायेंगे।"
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बता दें कि आरसीपी आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह ने 1990 के दशक के अंत में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार का विश्वास जीता था। उस समय नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री थे। सिंह ने राजनीति में आने के लिए 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।
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