जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक मेडिकल कॉलेज और 500 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाने का प्रस्ताव है। यह प्रस्ताव विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल में रखा गया है। इसके तहत मेडिकल कॉलेज प्रारंभ होने के उपरांत यहां छात्रों को एमबीबीएस और एमडी आदि जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम ऑफर किए जाएंगे। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से संबंधित सभी मंजूरी निर्धारित समय पर मिलने की स्थिति में जेएनयू विश्वविद्यालय परिसर में यह अस्पताल वर्ष 2024 तक शुरू हो सकेगा। यह अस्पताल जेएनयू के स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस के अंतर्गत काम करेगा। जेएनयू अकादमिक परिषद (एसी) ने इसको मंजूरी दी है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा की जेएनयू में इस प्रकार के मेडिकल स्कूल की काफी आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसलिए यहां आधुनिक तकनीक व स्वास्थ्य सेवाओं पर आधारित मेडिकल स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विज्ञान में विविध पाठ्यक्रमों की शुरूआत पर विचार किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की शीर्ष शैक्षणिक परिषद यानी एकेडमिक काउंसिल की मंगलवार को एक बैठक हुई। इस बैठक में एक आधिकारिक दस्तावेज के माध्यम से विश्वविद्यालय परिसर में एक मेडिकल कॉलेज और 500 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाने का प्रस्ताव रखा गया।
एकेडमिक काउंसिल की बैठक में पेश किए गए प्रस्ताव के मुताबिक जेएनयू में बनाए जाने वाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्डियोलॉजी, अंग प्रत्यारोपण, न्यूरोलॉजी और पल्मोनोलॉजी सहित सुपर स्पेशियलिटी उपचार की पेशकश की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक इस नई पहल के साथ ही वैज्ञानिकों के लिए आरक्षित 50 फीसदी संकाय पदों के साथ एक गैर-पारंपरिक विभाग यानी नॉन ट्रेडीशनल डिपार्टमेंट भी शुरू किया जाएगा है। इस परियोजना की लागत लगभग 900 करोड़ रुपये आएगी।
विश्वविद्यालय के लिए यह प्रस्ताव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और जेएनयू अधिनियम 1966 के अंतर्गत तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव बनाने वाली समिति में जेएनयू के अलावा एम्स और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज जैसे अस्पतालों के विशेषज्ञ शामिल हैं। जेएनयू प्रशासन के मुताबिक विश्वविद्यालय परिसर के दक्षिण पश्चिमी हिस्से में उपलब्ध 25 एकड़ भूमि पर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल स्थापित करने का प्रस्ताव है। यहां स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। प्रस्ताव में कहा गया है कि एमबीबीएस और एमडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा नीट के माध्यम से होगा।
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