गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को जामनगर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक व्यक्ति की हिरासत में मौत के मामले में संजीव भट्ट को दोषी करार दिया गया है। जामनगर की अदालत ने पूर्व आईपीएस को उम्रकैद की सजा दी है। बता दें कि पिछले दिनों संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट से गवाहों की नए सिरे से जांच की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भट्ट की याचिका पर विचार करने से मना कर दिया था।
Published: 20 Jun 2019, 1:39 PM IST
गौरतलब है कि संजीव भट्ट गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने 2002 में गुजरात दंगों में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे। जिस के बाद संजीव भट्ट को गुजरात सरकार ने 2015 में बर्खास्त कर दिया था।
Published: 20 Jun 2019, 1:39 PM IST
दरअसल, उस समय जामनगर में बंद के दौरान हिंसा हुई थी और तब संजीव भट्ट जामनगर के एसपी थे। हिंसा के दौरान पुलिस ने सैकड़ों को लोगों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान हिरासत में एक आरोपी की मौत हो गई थी। मौत के मामले में संजीव भट्ट और उनके साथियों पर मारपीट का केस लगा था। इस मामले में संजीव भट्ट और अन्य पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन गुजरात सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी, लेकिन 2011 में राज्य सरकार ने भट्ट के खिलाफ ट्रायल की अनुमति दे दी।
Published: 20 Jun 2019, 1:39 PM IST
वहीं संजीव भट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुये मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने हिरासत में मौत के मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूछताछ के लिये अतिरिक्त गवाहों को बुलाने का संजीव भट की मांग को अस्वीकार कर दिया था।
Published: 20 Jun 2019, 1:39 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 20 Jun 2019, 1:39 PM IST