सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए पर 2 हफ्ते तक टली सुनवाई, जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों का बंद जारी
जम्मू-कश्मरी में अलगाववादियों समेत कई राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 35ए पर यथास्थिति बनाए रखने की मांग की है। अनुच्छेद 35ए के समर्थन में राज्य में बंद का दूसरा दिन है। बंद के दौरान कई जगहों पर रैलियां निकाली जा रही हैं और प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
By नवजीवन डेस्क
फोटो: सोशल मीडिया सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए पर 27 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 27 अगस्त तक के लिए टाल दी गई है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में आज दो ही जज बैठे थे। चीफ जस्टिस दीपक मिक्षा ने कहा कि मामला संविधान पीठ को भेजने पर विचार 3 जजों की बेंच ही कर सकती है। ऐसे में सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टाल दी गई।
जम्मू-कश्मरी में अलगाववादियों समेत कई राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 35ए पर यथास्थिति बनाए रखने की मांग की है। अनुच्छेद 35ए के समर्थन में राज्य में आज बंद का दूसरा दिन है। बंद के दौरान राज्य में कई जगहों पर रैलियां निकाली जा रही हैं और प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
राज्य में बंद का असर जनजीवन पर भी देखा जा रहा है। बंद की वजह से एहतियातन अमरनाथ यात्रा दूसरे दिन भी स्थगित है।
Published: 06 Aug 2018, 9:59 AM IST
धारा 35ए क्या कहती है?
अनुच्छेद 35ए से जम्मू-कश्मीर को यह अधिकार मिला है कि वह किसे अपना स्थाई निवासी माने और किसे नहीं।
राज्य सरकार सिर्फ उन्हें स्थाई निवासी मानती है जो 14 मई, 1954 के पहले कश्मीर में बसे थे।
राज्य के स्थाई निवासियों को ही जमीन खरीदने, रोजगार पाने और सरकारी योजनाओं में विशेष अधिकार मिले हैं।
देश के किसी दूसरे राज्य का निवासी जम्मू-कश्मीर में स्थाई निवासी के तौर पर नहीं बस सकता।
दूसरे राज्यों के निवासी कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते हैं। साथ ही राज्य सरकार उन्हें नौकरी भी नही दे सकती है।
जम्मू-कश्मीर की कोई महिला भारत के किसी दूसरे राज्य के व्यक्ति से शादी कर ले तो उसके अधिकार छीन लिए जाते हैं।