जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने बड़ा बयान दिया है। मलिक ने कहा, “राज्यपाल बनने के बाद मैंने इंटेलीजेंस एजेंसियों से कभी इनपुट नहीं लिया। वह न तो हमें और न ही मोदी सरकार को सच बताती हैं।”
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एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गवर्नर मलिक ने आगे कहा, “मैंने 150 से 200 युवाओं से सीधा संवाद किया है। सभी युवा कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में पढ़ते हैं और राष्ट्रगान के लिए खड़े नहीं होते हैं। मैंने उनसे बात की और यह सभी 25 से 30 साल की आयु के हैं। इनके सपनों को चकनाचूर कर दिया गया है, यह गुस्से में हैं और इन्हें भ्रमित किया जा रहा है।”
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ऐसे में सवाल यह है कि क्या जम्मू-कश्मीर के गवर्नर को देश की खुफिया एजेंसियों पर भरोसा नहीं है। सत्यपाल मलिक के बयान को मानें तो क्या देश की खुफिया एजेंसिया झूठ बोलती हैं? राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा खड़े किए यह सवाल बेहद गंभीर हैं। सत्यपाल मलिक द्वारा खड़े किए गए सवालों पर सियासी घमासान मच सकता है। जाहिर है इन सवालों के जवाब केंद्र की मोदी सरकार से भी पूछे जाएंगे।
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जम्मू-कश्मीर के राज्यपल अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। उससे पहले उन्होंने कहा था कि वह कई बार ऐसे बयान दे देते हैं, जिसकी उन्हें तीन-तीन दिन तक सफाई देनी पड़ती है। साथ ही यह भी लगता है कि कहीं दिल्ली में कोई नाराज ना हो जाए। मंगलवार को सत्यपाल मलिक ने घाटी के नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने यह बयान दिया था।
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सत्यपाल मलिक ने आगे कहा, “राज्यपाल हर दिन बात नहीं करता है, न ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है। लेकिन परेशानी यह भी है कि कई बार मेरे मुंह से ऐसी बातें निकल जाती हैं, जिनकी मुझे तीन दिन तक सफाई देनी पड़ती है। लगता है कि दिल्ली में कोई नाराज ना हो जाए।”
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