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शाह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का रखा प्रस्ताव, कांग्रेस का विरोध, कहा- आपकी वजह से बिगड़े हालात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। पहला प्रस्ताव राज्य में राष्ट्रपति शासन की अवधि को 6 महीने के लिए बढ़ाने और दूसरा राज्य में लागू आरक्षण के कानून में संशोधन का प्रस्ताव है।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  

गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में लागू राष्ट्रपति शासन की अवधि को और बढ़ाने का प्रस्ताव लोकसभा में रखा है। अमित शाह ने लोकसभा में कहा, “मेरा प्रस्ताव है कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को 6 महीने तक बढ़ाया जाना चाहिए। बता दें कि 9 दिसंबर 2018 को राज्यपाल शासन की अवधि खत्म हो गई थी और फिर धारा 356 का उपयोग करते हुए 20 दिसंबर से वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया गया था। अब 2 जुलाई को 6 महीने का राष्ट्रपति शासन का अंतराल खत्म होने जा रहा है।

Published: 28 Jun 2019, 2:19 PM IST

इसके अलावा लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि चुनाव आयोग ने इस साल के आखिर में चुनाव कराने का फैसला करेंगे और इस बारे में सूचित कर दिया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि रमजान का पवित्र महीना था, अब अमरनाथ यात्रा होनी है, इस वजह से चुनाव कराने इस दौरान मुमकिन नहीं था।

Published: 28 Jun 2019, 2:19 PM IST

प्रस्ताव का विरोध करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि आज हालत यह हो गई है कि हमें हर 6 महीने में जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह 2015 में पीडीपी और बीजेपी के बीच अलायंस में छिपी है।

Published: 28 Jun 2019, 2:19 PM IST

उन्होंने आगे कहा कि अगर आतंकवाद के खिलाफ आपकी कड़ी नीति है तो हम इसका विरोध नहीं करते हैं लेकिन आपको यह ध्यान में रखने की जरूरत है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तभी जीती जा सकती है जब लोग आपके साथ हों।

Published: 28 Jun 2019, 2:19 PM IST

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आगे कहा कि अगर जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण तरीके से लोकसभा के चुनाव करा सकते हैं तो विधानसभा चुनाव क्यों साथ में नहीं कराए गए। उन्होंने आगे कहा कि सरकार लोगों का विश्वास जीतने में नाकाम रही है और इसी वजह से वहां हालात बिगड़े हैं।

इसके अलावा कांग्रेस सांसद ने कहा कि आरक्षण के प्रस्ताव का विषय विधानसभा के अधिकार में आता है और इस विधेयक को लाने का हक विधानसभा का होना चाहिए। सीमा पर रहने वाले लोगों का दर्द हम समझते हैं और आरक्षण पर हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उसके तरीके पर आपत्ति जरूर है।

Published: 28 Jun 2019, 2:19 PM IST

वहीं लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध किया। साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोग काफी लंबे वक्त से आरक्षण की मांग कर रहे थे लेकिन अब चुनावी फायदा होने के बाद उन्हें यह आरक्षण दिया जा रहा है।

Published: 28 Jun 2019, 2:19 PM IST

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Published: 28 Jun 2019, 2:19 PM IST