जम्मू-कश्मीर में तनाव और असमंजस के बीच स्थानीय लोगोंं के साथ घाटी की राजनीतिक पार्टियों में बेचैनी और बढ़ गई है। इस बीच पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का बयान आया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा, “हमने इस देश के लोगों और सरकार को यह बताने की कोशिश है कि अगर वे (केंद्र सरकार) 35ए, 370 के साथ खिलवाड़ करते हैं तो क्या परिणाम हो सकता है। हमने एक अपील भी की, लेकिन केंद्र की ओर से अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। वे यह आश्वासन नहीं दे रहे हैं कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।”
Published: 04 Aug 2019, 3:32 PM IST
महबूबा ने कहा, “यहां के राजनीतिक दलों ने आज एक होटल में एक बैठक आयोजित करने का फैसला किया था। लेकिन पुलिस ने सभी होटलों को एक एडवाइजरी जारी की है कि वे राजनीतिक दलों को होटलों में कोई बैठक न करने दें। इसलिए हम आज शाम 6 बजे अपने घर पर एक बैठक कर करेंगे।”
Published: 04 Aug 2019, 3:32 PM IST
पीडीपी प्रमुख ने कहा, “अलगाववादियों के साथ जो उन्हें करना था, उन्होंने किया। अब वे मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के खिलाफ रणनीति का उपयोग कर रहे हैं। जब उन्हें एक सर्वदलीय बैठक का संकेत मिला तो फारूक साहब को चंडीगढ़ ले जाया गया। कार्यकर्ताओं को परेशान करने के लिए वे राजनीतिक दलों के खिलाफ भ्रष्टाचार को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे है।”
Published: 04 Aug 2019, 3:32 PM IST
घाटी में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर घाटी में सरकार ने 40 हजार सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद 10 हजार सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती की थी। इसके बाद भी सरकार ने 25 हजार सुरक्षा बलों को घाटी में भेजा। यही नहीं सरकार ने सेना और वायुसेना को भी हाई अलर्ट पर रखा है। सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच खबरों में कहा जा रहा था कि सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35ए हटाने जा रही है। इन खबरों के बीच घाटी के राजनीतिक दलों के साथ स्थानीय लोगों में भी बेचैनी है।
Published: 04 Aug 2019, 3:32 PM IST
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Published: 04 Aug 2019, 3:32 PM IST