केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ एकतरफा संघर्ष विराम में विस्तार न करने का फैसला किया है। यह संघर्ष विराम रमजान के पाक महीने के दौरान राज्य में अनुकूल माहौल मुहैया कराने के मकसद से 16 मई को घोषित किया गया था।
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गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, “भारत सरकार ने रमजान की शुरुआत में घोषित जम्मू-कश्मीर में अभियान पर लगी रोक में विस्तार न करने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों को निर्देश दिया गया है कि वह हमलों और हिंसा और हत्याओं में शामिल आतंकवादियों को रोकने के लिए तत्काल सभी जरूरी कदम उठाएं।”
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गृह मंत्रालय द्वारा बयान के मुताबिक, “सरकार जम्मू एवं कश्मीर में हिंसा और आतंक मुक्त माहौल बनाने के लिए कार्य करने को प्रतिबद्ध है।” गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में रमजान के दौरान आतंकवादियों के उकसावे के बावजूद संयम दर्शाने के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की।
सरकार का यह फैसला शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय बैठक के बाद सामने आया है। इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और अन्य अधिकारी शामिल हुए थे। यह बैठक गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में रमजान के दौरान जारी आतंकी गतिविधियों और 'राइजिंग कश्मीर' के संपादक शुजात बुखारी और उनके दो सुरक्षा अधिकारियों की हत्या के मद्देनजर हुई थी।
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