कांग्रेस पार्टी की जम्मू-कश्मीर ईकाई ने बृहस्पतिवार को केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद को रोकने में बीजेपी नीत केंद्र सरकार की कथित विफलता के खिलाफ रैलियां आयोजित कर विरोध जताया।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को 'मदद और बढ़ावा' देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भी प्रदर्शन किया।
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कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष वकार रसूल वानी और कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद पर लगाम लगाने में कथित रूप से विफल रहने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसकी सरकार के खिलाफ नारे लगाए और जवाबदेही की मांग की।
वानी ने संवाददाताओं से कहा, ''जम्मू में 2021 से अबतक कई आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसमें हमारे 42 जवान और अधिकारी शहीद हो गए हैं। हम यहां की भयावह सुरक्षा स्थिति से बहुत चिंतित हैं।''
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की, इस दावे के लिए आलोचना की कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति है। उन्होंने कहा कि ऐसे दावे 'झूठे' हैं।
वानी ने कहा, ''जम्मू अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण ही रहा है, लेकिन ये हमले सरकार के दावों के विपरीत, आतंकवाद के दोबारा शुरू होने का संकेत देते हैं।''
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उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवादी हमलों को रोकने में विफल रहने के लिए बीजेपी सरकार और उपराज्यपाल प्रशासन को दोषी ठहराते हुए कहा, ''इन घटनाओं ने जनता में भय की भावना पैदा कर दी है। सरकार की आतंकवाद विरोधी नीतियां विफल हो गई हैं और वे शासन करने के योग्य नहीं हैं।''
आतंकवादियों ने पिछले कुछ महीने के दौरान कठुआ, डोडा, रियासी और उधमपुर जिले में चार स्थानों को निशाना बनाया, जिसमें 15 लोग मारे गए और 46 घायल हो गए।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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