देश की नौकरशाही में बढ़ती मुसलमानों की संख्या से विचलित दक्षिणपंथी न्यूज चैनल सुदर्शन के खिलाफ दिल्ली का जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जामिया विश्वविद्यालय) मुकदमा दर्ज कराएगा। इस सिलसिले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बैठक बुलाई है। विश्वविद्यालय ने सुदर्शन चैनल पर प्रसारित ‘जामिया के जिहादी’ नाम के एक कार्यक्रम के प्रोमो कड़ा एतराज जताया है। इस चैनल का कहना है कि यूपीएससी परीक्षाओं में मुस्लिमों की बढ़ती संख्या से नौकरशाही में मुसलमानों की पैठ बढ़ रही है।
जामिया की वाइस चांसलर नजमा अखतर ने कहा कि, “हमने इस बारे में एक बैठक बुलाई है जिसमें इस चैनल के खिलाफ भड़काऊ तत्व प्रसारित किए जाने के खिलाफ अगले कदम का फैसला होगा।” उन्होंने कहा कि यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले जामिया की रेजिडेंशियल एकेडमी के हर छात्र को इस चैनल के भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले कार्यक्रम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी चाहिए।
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नजमा अखतर ने कहा कि बहुत से लोगों को शायद नहीं पता है कि जामिया की रेजिडेंशियल एकेडमी से इस साल यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले 30 छात्रों में से करीब 50 फीसदी छात्र गैर-मुस्लिम हैं।
ध्यान रहे कि सुदर्शन न्यूज चैनल ने अपने एक प्रोमो में नौकरशाही में मुस्लिमों के आने पर सवाल उठाए हैं। इस कार्यक्रम को इसके एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके प्रस्तुत कर रहे हैं। चव्हाणके ने इस कार्यक्रम का प्रोमो खुद भी ट्वीट किया है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस को टैग किया है। प्रोमो में मुसलमानों को नौकरशाही में घुसपैठिया बताया गया है साथ ही बड़ी संख्या में मुस्लिम छात्रों को यूपीएससी परीक्षा पास करने पर भी सवाल उठाया गया है। इसके अलावा जामिया के छात्रों को जामिया के जिहादी की संज्ञा देते हुए ‘UPSCJihad' हैशटैग लगाया गया है।
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इस ट्वीट का ट्विटर यूजर्स ने कड़ा विरोध किया है और बहुत से लोगों ने सुरेश चव्हाणके का अकाउंट सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।
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गौरतलब है कि जामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी के 30 छात्रों ने इस साल की यूपीएससी परीक्षा क्लीयर की है। जामिया की एकेडमी यूपीएससी के इच्छुक छात्रों को मुफ्त कोचिंग देती है। इस कोचिंग में अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और आदिवासी छात्रों को ही कोचिंग दी जाती है। महिला छात्रों को भी कोचिंग की सुविधा दी जाती है और उन्हें मुफ्त में हॉस्टल की सुविधा भी मुहैया कराई जाती है।
याद होगा कि जामिया विश्वविद्यालय इस साल केंद्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में अव्वल नंबर पर रहा है। इस रैंकिंग को मोदी सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया है। जामिया ने इस रैंकिंग में जेएनयू और एएमयू दोनों को पीछे छोड़ते हुए 40 विश्विविद्यालयों में अव्वल नबंर हासिल किया है।
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