कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद की पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और वन एवं जलवायु पर स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कई अहम विधेयकों को स्थायी कमेटी के पास नहीं भेजा गया। ऐसी में मुझे इस पद पर बने रहने का कोई कारण नजर नहीं आता है।
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जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “यह ऐसे विधेयक हैं, जो जैविक विविधता अधिनियम, 2002 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना के लिए मौलिक संशोधन करते हैं। इतना ही नहीं, डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक, 2019 पर समिति ने कई ठोस सुझावों के साथ एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसे वापस ले लिया गया है। मोदी सरकार ने इसके बजाय आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, 2022 के साथ इसे दरकिनार कर दिया है।”
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जयराम रमेश इससे पहले भी नाराजगी जाहिर कर चुके थे। जैविक विविधता संशोधन विधेयक पास किए जाने को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई थी। पिछले हफ्ते मानसून सत्र के दौरान तीन विधेयक संसद से पारित किए गए थे। जयराम रमेश ने फोरेस्ट (कनजर्वेशन) अमेंडमेंट बिल पास किए जाने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि सरकार ने स्थायी कमेटी के पास भेजने के बजाय संसद की ज्वॉइंट कमेटी के पास इस विधेयक को भेज दिया, बीजेपी नेता जिसके अध्यक्ष हैं।
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