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कल दिल्ली में ऑटो-टैक्सी मिलना होगा मुश्किल, संगठनों ने किसानों के भारत बंद का किया समर्थन

एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि सबसे पहले किसान हमारा अन्नदाता है। हमारी मां हमें जन्म देती है, लेकिन किसान सर्दी-गर्मी-बरसात में मेहनत करके अनाज पैदा करता है, जिससे हम रोटी खाते हैं और हमें जीवन मिलता है। सरकार ने जो किसान नीति बनाई है, हम भी उसके खिलाफ हैं।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
फाइल फोटोः सोशल मीडिया 

मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा 8 दिसंबर को बुलाए गए 'भारत बंद' को दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने अपना समर्थन दे दिया है। राष्ट्रीय राजधानी के ऑटो-टैक्सी संगठनों ने फैसला लिया है कि वह इस भारत बंद में शामिल होंगे। हालांकि इस फैसले से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोगों के सामने एक नई समस्या खड़ी हो सकती है।

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दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि “सरकार किसानो की मांगों को अनसुना कर रही है और 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन भारत सरकार सिर्फ डेट पर डेट दे रही है। इसलिए हमने 8 तारीख को किसानों द्वारा भारत बंद का समर्थन किया है। हम 8 दिसंबर को अपनी टैक्सी, बसों को नहीं चलाएंगे और शांतिपूर्वक भारत बंद को सफल बनाकर किसान आंदोलन को सफल बनाने में सहयोग करेंगे।”

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एसोसिएशन के अध्यक्ष ने आगे कहा, सबसे पहले किसान हमारा अन्नदाता है। हमारी मां हमें जन्म देती है, लेकिन किसान सर्दी-गर्मी-बरसात में मेहनत करके अनाज पैदा करता है, जिससे हम रोटी खाते हैं और हमें जीवन मिलता है। सरकार ने जो किसान पॉलिसी बनाई है, हम भी उसके खिलाफ हैं।

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उन्होंने आगे कहा, “दूसरा सबसे बड़ा कारण हम टैक्सी वालों के लिए सरकार काफी समय से काले कानून बना कर टैक्सी, बस मालिकों और चालकों का शोषण कर रही है और उनको बर्बाद करने पर तुली है। ओला-उबर जैसी विदेशी और विदेशों से फंडिंग लेने वाली कंपनियों ने भारत के चालकों को गुलाम बना दिया है। हमारी मांगों पर भी भारत सरकार ने कभी भी ध्यान नहीं दिया।

बता दें कि इससे पहले रविवार को दिल्ली के टैक्सी और बसों के कई संगठनों ने सिंघु सीमा पहुंच कर किसानों का समर्थन किया था।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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