उत्तरकाशी टनल हादसे का शनिवार को 14वां दिन रहा। शुक्रवार को 47 मीटर की ड्रिलिंग होने के बाद जब आगे की ड्रिलिंग की जा रही थी तो दिक्कतें आने लगी थी। ड्रिलिंग करते समय मलबे में लोहे की रॉड आने से परेशानियां हो रही थी। जिसके बाद शुक्रवार की देर रात से ही ड्रिलिंग बंद है।
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वहीं, जिस अमेरिकी हैवी ऑगर मशीन से उम्मीदें थी, उसने भी अब दम तोड़ दिया है। करीब चार बार सुरंग का मलबा साफ करने के दौरान हैवी ऑगर मशीन से लोहे की रॉड और पाइप टकराई थी, जिसके कारण ऑगर मशीन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी।
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इन सबको देखते हुए अब मैनुअल ड्रिलिंग पर विचार किया जा रहा है। पहाड़ी के ऊपर से भी ड्रिलिंग के बारे में सोचा जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन की मदद नहीं मिल पाएगी। अब भी हमारे पास रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के कई रास्ते हैं। लेकिन, अब आप रेस्क्यू ऑपरेशन में ऑगर मशीन को नहीं देख पाएंगे। ऑगर मशीन खत्म हो गयी है।
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हालांकि उन्होंने मीडिया से बात करते हुए यह भरोसा जरूर दिया कि क्रिसमस से पहले सभी मजदूर अपने घर पर होंगे। वह सुरक्षित हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर रेस्क्यू में जल्दबाजी की गई तो और मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसलिए पूरी सावधानी के साथ सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
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वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने भी ताजा स्थिति की जानकारी दी है। उन्होंने कहा, "अच्छी खबर यह है कि अंदर फंसे 41 मजदूर ठीक हैं। उनके पास सभी चीजें जा रही हैं...मजदूरों के परिजन भी आ गए हैं, मजदूरों ने अपने परिजनों से बात भी की है। जहां तक बचाव अभियान का सवाल है, कुछ समस्याएं हैं जिनका हम सामना कर रहे हैं। ऑगर मशीन में क्षति हुई है और इसका कुछ हिस्सा बाहर नहीं आया है। ऑगर मशीन के उस हिस्से को बाहर लाने के लिए उन्नत मशीनरी की आवश्यकता है, जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई मार्ग से लाया जा रहा है। यह जल्द ही सुरंग स्थल पर पहुंच जाएगा।"
उन्होंने आगे बताया कि, "हमें थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा। काम करने वालों पर किसी प्रकार का दवाब नहीं डालना है। याद रखना है कि जहां भी काम हो रहा है वे खतरनाक है।"
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बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेश का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने कहा, 'मुझसे मजदूरों ने कहा कि हमें खाना मिल रहा है, चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम प्रार्थना कर रहे हैं कि हम जल्द से जल्द यहां से निकल सकें।' उन्होंने कहा कि यहां सभी संसाधन उपलब्ध हैं। प्लाज्मा कटर की तरह जो उपकरण यहां नहीं है उसे लाया जा रहा है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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