हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने छेड़छाड़ के आरोपी बीजेपी मंत्री संदीप सिंह के इस्तीफे की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जब तक आरोपों की जांच नहीं हो जाती, तब तक मुख्यमंत्री को मंत्री का इस्तीफा मांग लेना चाहिए या खुद मंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
आरोपी मंत्री संदीप सिंह पर चौतरफा घिरे मुख्यमंत्री ने अपना संतुलन खो दिया और तैश में आकर 3 बार कह दिया कि संदीप सिंह से इस्तीफा नहीं लेंगे...नहीं लेंगे...नहीं लेंगे। इस पर विधानसभा में जमकर हंगामा बरपा। विपक्ष ने हरियाणा में प्रधानमंत्री के दिए स्लोगन बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के जरिये ही सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस विधायकों ने इसके विरोध में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर दिया। इसके बाद अंतत: विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री को बचाने के लिए बीजेपी-जेजेपी सरकार सार्वजनिक जीवन में नैतिकता की धज्जियां उड़ा रही है। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के प्रति सरकार के इस रवैये के कारण हरियाणा आज महिला सुरक्षा के मामले में सभी राज्यों से पिछड़ गया है।''
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बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में आरोपी मंत्री के इस्तीफे की मांग उठाई। बाद में पार्टी विधायक विरोध में सदन से वॉक आउट कर गए। वापस सदन में लौटने पर कांग्रेस के विधायकों ने फिर हरियाणा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस बीच सदन में कांग्रेस की महिला विधायक गीता भुक्कल, शंकुतला खटक और रेनू बाला सरकार और स्पीकर से मोर्चा लेती दिखीं। सदन में तानाशाही नहीं चलेगी, बीजेपी सरकार मुर्दाबाद, जो सरकार निकम्मी है, वह सरकार बदलनी है, संदीप सिंह मुर्दाबाद, मंत्री को बर्खास्त करो, बेटियों से अत्याचार करना बंद करो, बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, बीजेपी के नेताओं से बचाओ और बहन-बेटियों को बचा न सके वह सरकार निकम्मी है के नारे भी कांग्रेस के विधायकों ने लगाए। इस बीच स्पीकर की कोई नसीहत काम नहीं आई।
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आश्चर्य की बात यह रही कि इस दौरान बीजेपी के अधिकांश विधायक खामोशी से यह पूरा नजारा देख रहे थे। यह कहा जा रहा है संदीप सिंह के प्रकरण में बीजेपी के ही कई विधायक भी मुख्यमंत्री के स्टैंड से खुश नहीं हैं। सीएम ने आरंभ में ही संदीप सिंह पर महिला एथलीट के आरोपों को अनर्गल करार दे दिया था। इसके बाद यह माना गया था कि संदीप सिंह को मुख्यमंत्री का खुला समर्थन है। यही वजह है कि संदीप सिंह से खेल मंत्रालय तो वापस ले लिया गया, लेकिन सरकार में मंत्री पद पर वह बरकरार हैं।
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राज्यपाल के अभिभाषण पर हुड्डा ने अभिभाषण में सरकार द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यपाल से झूठे दावे करवाए, जो धरातल पर कहीं नजर नहीं आते। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाषण में सरकार ने अपनी नाकामियों को उपलब्धियों के तौर पर पेश करने की कोशिश की। हकीकत यह है कि पिछले आठ साल में सरकार ने हरियाणा को हर मोर्चे पर पीछे धकेलने का काम किया। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सरकार को शर्म आनी चाहिए, लेकिन वह अपनी ही पीठ थपथपा रही है। केंद्र सरकार की सामाजिक प्रगति रिपोर्ट खुद कहती है कि नागरिक सुरक्षा के मामले में हरियाणा सबसे निचले पायदान पर है।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया। इसके लिए घोटालों की जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया। सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के बजाय सरकारी विभागों में पदों को खत्म करने का काम किया। आज प्रदेश में करीब दो लाख पद खाली पड़े हैं। हुड्डा ने कहा कि भर्ती के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाले किए गए। किराने की दुकान पर सामान की तरह नौकरियां बेची गईं। बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के कम वेतन के लिए शिक्षित युवाओं का कौशल निगम के माध्यम से शोषण किया जा रहा है।
(धीरेंद्र अवस्थी के इनपुट के साथ)
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