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तालिबान से यारी पड़ी भारी, ISI चीफ फैज हमीद की छुट्टी, इमरान के चहेते से आर्मी चीफ के साथ अमेरिका भी था नाराज

आईएसआई चीफ रहते हुए फैज हमीद पिछले महीने आर्मी चीफ जनरल बाजवा से मंजूरी लिए बगैर ही काबुल गए थे और वहां वह तालिबान नेताओं के साथ सेरेना होटल में एक टी-पार्टी में शामिल हुए थे। आरोप है कि उन्होंने वहां तालिबान की सरकार बनाने में मदद की थी।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद उसकी सरकार बनवाने में मदद करने वाले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ जनरल फैज हमीद को तालिबान से यारी भारी पड़ गई है। उन्हें आईएसआई चीफ के पद से हटा दिया गया है। अब जनरल नदीम अंजुम आईएसआई के नए चीफ होंगे।

खास बात ये है कि जनरल फैज हमीद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की पसंद थे और अगले साल देश के आर्मी चीफ भी बनने वाले थे। लेकिन बताया जा रहा है कि पिछले महीने उनकी काबुल यात्रा से पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के अलावा अमेरिका भी काफी नाराज था। यही वजह है कि अचानक से उन्हें पद से हटा दिया गया है।

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दरअसल खबर है कि आईएसआई चीफ रहते हुए फैज हमीद पिछले महीने आर्मी चीफ जनरल बाजवा से मंजूरी लिए बगैर ही काबुल गए थे और वहां वह तालिबान नेताओं के साथ सेरेना होटल में एक टी-पार्टी में शामिल हुए थे। आरोप है कि उन्होंने वहां तालिबान की सरकार बनाने में मदद की थी।

फैज हमीद को पेशावर कॉर्प्स कमांडर का चीफ बनाकर भेजा गया है। आर्मी चीफ बाजवा ने सेना में टॉप लेवल पर कुछ और फेरबदल भी किए हैं। हालांकि, जनरल हमीद को हटाए जाने की खबरें लंबे वक्त से चर्चा में थीं, लेकिन पाकिस्तान में आर्मी की दबदबे के चलते वहां का मेनस्ट्रीम मीडिया इन खबरों को दबा रहा था।

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गौरतलब है कि फैज हमीद और जनरल बाजवा के बीच काफी लंबे समय से तनातनी की खबरें आती रही हैं। माना जा रहा है कि तीन साल पहले रावलपिंडी में पाक आर्मी के एक हाउसिंग प्रोजेक्ट को लेकर दोनों के बीच मतभेद शुरू हुए थे। बाद में जब इमरान खान ने बाजवा को तीन साल का एक्सटेंशन दिया तो यह रस्साकशी खुलकर सबके सामने आ गई। कहा जाता है कि फैज कई बार बाजवा को भरोसे में लिए बगैर फैसले करने लगे थे, जिससे दोनों के मतभेद और बढ़ गए थे।

पाकिस्तान में आईएसआई चीफ की नियुक्ति का विशेषाधिकार प्रधानमंत्री के पास होता है। इसलिए साफ है कि पीएम इमरान खान ने ही फैज को आईएसआई चीफ बनाया था और अब उन्होंने ही हटाया है। लेकिन यह भी है कि प्रधानमंत्री आर्मी चीफ की सलाह पर यह फैसला लेता है। ऐसे में साफ है कि जनरल बाजवा की सलाह पर ही हमीद को हटाया गया।

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वहीं पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों का मानना है कि इस मामले अमेरिकी एंगल भी है, क्योंकि तालिबान के कब्जे के बाद फैज का काबुल दौरा और उसके नेताओं से मुलाकात बाइडेन सरकार को नागवार गुजरा था। बताया जाता है कि अमेरिका को ऐसा लगा कि जनरल फैज तालिबान नेताओं के साथ मिलकर अफगानिस्तान में अमेरिका की हार का जश्न मना रहे हैं।

बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल के साथ पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसी बीच सितंबर की शुरुआत में आईएसआई चीफ जनरल फैज हमीद चुपके से काबुल पहुंचे थे और एक फाइव स्टार सेरेना होटल में तालिबान के नेताओं के साथ चाय पर बैठक की थी। संयोग से उसी होटल में ब्रिटेन की एक महिला पत्रकार मौजूद थी और उसने न सिर्फ फैज के फोटो लिए, बल्कि कुछ सवाल भी पूछे थे। इसके बाद यह खबर आग की तरह फैल गई और हमीद, बाजवा और अमेरिका दोनों के निशाने पर आ गए और इमरान पर उन्हें हटाने का दबाव आ गया।

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