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'वर्षा में तो नहीं छिपा है शिवाजी की मूर्ति बनाने वाला' -यह आरोप लगते ही चंद घंटों में हो गई आप्टे की गिरफ्तारी

जयदीप आपटे को कोर्ट में पेश किया गया। आज चेतन पाटील को भी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आपटे और पाटील को 10 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद से राज्य की राजनीति में उबाल आया हुआ है और इसी बीच पुलिस ने मूर्तिकार जयदीप आप्टे को ठाणे के कल्याण में उसके घर के बाहर से ही गिरफ्तार करने का दावा किया है। आज शाम तक उसे सिंधुदुर्ग जिले की मालवण कोर्ट में पेश किया जा सकता है। उसके साथी और आर्किटेक्ट सलाहकार चेतन पाटिल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उसकी पुलिस रिमांड भी आज खत्म हो रही है।

छ्त्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना के कथित मुख्य आरोप जयदीप आप्टे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी था। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) नेता संजय राउत ने तो आशंका जाहिर की थी ‘कहीं ऐसा तो नहीं कि जयदीप आप्टे वर्षा (मुख्यमंत्री निवास) में ही छिपा हुआ हो।’ इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए चुनौती दी थी कि ’अगर हिम्मत है तो वर्षा आकर जांच कर लें।‘

रोचक है कि शिंदे का यह बयान आने के चंद घंटों के अंदर ही नाटकीय रूप से जयदीप आप्टे पुलिस की गिरफ्त में आ गया। उसकी गिरफ्तारी को लेकर भी कई किस्म के कयास लगाए जा रहे हैँ। ठाणे जिले की कल्याण पुलिस ने बताया कि उनके थाने का पुलिसकर्मी मंगेश शेलके ने आप्टे को दबोचा था। मंगेश का कहना है कि जयदीप आप्टे रात करीब 10 बजे मुंह पर मास्क लगाकर अपने घर में जा रहा था। शक के आधार पर उसे मास्क हटाने के लिए कहा गया और उसका चेहरा पहचान में आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

आप्टे की गिरफ्तारी को लेकर दूसरी कहानी भी सामने रखी जा रही है। आप्टे के वकील गणेश सोवणे ने दावा किया कि आप्टे ने पुलिस को सहयोग करने का फैसला किया था। इस बारे में उनके परिवार के बातचीत हुई थी, जिसके बाद वह अपने घर आए थे। इधर एक अंग्रेजी अखबार (टाइम्स आफ इंडिया) में छपी खबर के मुताबिक आप्टे की पत्नी ने ही पुलिस को उसके घर आने की सूचना दी थी जिसके बाद आप्टे को गिरफ्तार किया गया।

इन सारे दावों के बीच सवाल उठ रहे हैं कि अगर आप्टे ने आत्मसमर्पण और पुलिस को सहयोग करने का निर्णय लिया तो उसने पुलिस थाने या कोर्ट में आत्मसमर्पण क्यों नहीं किया, उसे गिरफ्तार क्यों किया गया?

बहरहाल बीती पूरी रात आप्टे को कल्याण में डीसीपी कार्यालय में रखे के बाद आज सुबह उसे सिंधुदुर्ग जिले की मालवण पुलिस को सौंप दिया गया। सिंधुदुर्ग में ही शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा पिछले दिनों गिर गई थी, जिसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में उफान आ गया था। घटना के बाद सामने आया कि 24 वर्ष के जयदीप आप्टे ने ही शिवाजी की मूर्ति बनवाई थी, जिसका अनावरण 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। लेकिन, अनावरण के आठ महीने बाद ही 26 अगस्त 2024 को यह पुतला ढह गया और कई टुकड़ो में बिखर गया। इस घटना के बाद विपक्ष ने हमलावर होते हुए इसे मराठी अस्मिता का अपमान बताया  और आरोप लगाया कि मूर्ति निर्माण में करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार हुआ है।

घटना के बाद एक मराठी अखबार सनातन प्रभात को इंटरव्यू में आप्टे ने स्वीकार किया था कि उसे छह फीट से ज्यादा ऊंचे पुतले के निर्माण का अनुभव नहीं था। इस घटना को लेकर पुलिस ने जयदीप आप्टे के सहयोगी आर्किटेक्ट सलाहकार चेतन पाटील को कोल्हापुर से पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पाटिल ने सफाई दी थी मूर्ति निर्माण में उसका कोई योगदान नहीं है, उसने तो मूर्ति खड़ी करने के लिए चबूतरे का निर्माण भर किया था।

शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के बाद से पूरे महाराष्ट्र में लोगों में गुस्सा है। इस गुस्से और आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित मुख्यमंत्री शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग चुके हैं।

जयदीप आप्टे की गिरफ्तारी पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) नेता संजय राउत ने फिर कहा है कि आप्टे की गिरफ्तारी से पहले ही उसकी जमानत की तैयारी की जा चुकी है।  

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में 35 फीट ऊंचाई वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के ढ़हे पुतले के मामले में फरार ठेकेदार और मूर्तिकार जयदीप आपटे को बुधवार की रात में ठाणे जिले की कल्याण पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सूत्रों के मुताबिक रातभर उसे डीसीपी के कार्यालय में रखा गया था। आज उसे सिंधुदुर्ग जिले के मालवण पुलिस को सौंप दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि आज शाम तक आपटे को मालवण कोर्ट में पेश किया जा सकता है। इस मामले में आपटे के सहयोगी चेतन पाटील को पुलिस ने पहले ही कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया था। उसकी पुलिस रिमांड आज समाप्त हो रही है। इधर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राऊत ने मीडिया में कहा है कि आपटे को जमानत दिलाने के लिए पहले से तैयारी की गई है।

बता दें कि पुलिस ने जयदीप आप्टे और उसके सहयोगी पाटिल के खिलाफ कई संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। वकीलों की राय है कि इन धाराओं के तहत आप्टे को 10 साल तक की सजा हो सकती है। आप्टे से पहले पाटिल की गिरफ्तारी हो गई थी। लेकिन आप्टे फरार था। आप्टे को पकड़ने के लिए पुलिस की सात टीमें काम रही थी। पुलिस ने उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया था। पुलिस ने आप्टे की पत्नी से भी पूछताछ की थी। आखिरकार बुधवार को कल्याण पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी का दावा किया।

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