राष्ट्रीय स्वंय संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने क्या विपक्षी दलों की तुलना कुत्ते से की है? यह सवाल भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश अंबेडकर और एआईएमआईएम के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया है। दोनों नेताओं ने इसे संघ की विचारधारा बताए हुए इस बयान की कड़ी आलोचना की है।
भारिप बहुजन महासंघ के नेता और संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर ने भी विश्व हिंदू कांग्रेस में दिए गए मोहन भागवत के बयान की कड़ी निंदा की है। अंबेडकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'कुत्ते' का जिक्र यहां देश के विपक्षी दलों के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि वह भागवत की इस मानसिकता की आलोचना करते हैं, जिसमें उन्होंने विपक्षी पार्टियों का जिक्र कुत्ते के रूप में किया है। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि पार्टियां सत्ता में आती-जाती रहती हैं, लेकिन इस तरह की मानसिकता सत्तापक्ष की सोच जाहिर करती है कि विपक्ष उनसे लड़ नहीं सकता। अंबेडकर ने कहा कि कि उन्हें सत्ता में फिर से बैठाने से पहले जनता को पुन: विचार करना चाहिए।
वहीं एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर हमला बोलते हुए मोहन भागवत को निशाने पर लिया है। ओवैसी ने कहा कि भारत के संविधान में सभी को इंसान के रूप में देखा गया है। इसमें किसी को भी शेर या कुत्ते के रूप में नहीं कहा गया है। संघ के साथ यही परेशानी है कि वह भारत के संविधान को नहीं मानता। संघ की विचारधारा ही ऐसी है। इसमें वे खुद को शेर और बाकी सभी को कुत्ता समझते हैं। वे खुद को शक्तिशाली और दूसरों को कमजोर समझते हैं, लेकिन हमारे संविधान में सभी को बराबरी का दर्जा दिया गया है।
Published: 09 Sep 2018, 9:41 AM IST
उन्होंने कहा कि उन्हें भागवत के इस बयान से उन्हें तनिक भी हैरानी नहीं हुई है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि आरएसएस पिछले 90 वर्षों से इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल करता रहा है। देश की जनता उन्हें इस बार सबक सिखाएगी। बता दें कि ओवैसी हमेशा से संघ की विचारधारा पर हमलावर रहे हैं। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उनके हमले कुछ ज्यादा ही तेज हो गए हैं।
Published: 09 Sep 2018, 9:41 AM IST
मोहन भागवत ने शुक्रवार को अपने संबोधन में कहा था कि हिंदुओं को प्रभुत्व की कोई आकांक्षा नहीं है और समुदाय तभी समृद्ध होगा जब वह एक समाज के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा था कि “अगर एक शेर अकेला है तो जंगली कुत्ते आक्रमण करके शेर को खत्म कर सकते हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए।” भागवत ने कहा कि हम दुनिया को बेहतर बनाना चाहते हैं. हमें प्रभुत्व की कोई आकांक्षा नहीं है. हमारा प्रभाव विजय अथवा औपनिवेशीकरण का परिणाम नहीं है.
Published: 09 Sep 2018, 9:41 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 09 Sep 2018, 9:41 AM IST