दुनियाभर के देशों में मंकीपॉक्स से दहशत का माहौल है। WHO इसे लेकर कई बार अलर्ट कर चुका है। भारत में भी इसे लेकर अलर्ट जारी किया जा चुका है। इस बीच गाजियाबाद में संदिग्ध मंकीपॉक्स के मामले से हड़कंप मच गया है। फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि जो मामला सामने आया है वह मंकीपॉक्स का ही। इस संबंध में गाजियाबाद के सीएमओ ने जानकारी दी है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के सीएमओ ने कहा, “5 साल की बच्ची के शरीर पर खुजली और रैशेज की शिकायत होने के बाद एहतियात के तौर पर मंकीपॉक्स की जांच के लिए उसके सैंपल लिए गए। उसे कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है और न ही उसने और न ही उसके किसी करीबी ने पिछले 1 महीने में विदेश यात्रा की है।”
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एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ. अभिषेक शुक्ला के मुताबिक, मंकीपॉक्स के अधिकांश रोगियों ने बुखार और चकत्ते और सूजन लिम्फ नोड्स की सूचना दी है और यह संदेह है कि मानव-से-मानव संचरण बड़ी श्वसन बूंदों के माध्यम से होता है।
मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित बीमारी है और इसके लक्षण चार सप्ताह तक रह सकते हैं। यूके, यूएस, यूरोप, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से मामले सामने आए हैं। इस बीमारी की इनक्यूबेशन पीरियड 7 से 14 दिन है, लेकिन यह 21 दिनों तक बढ़ सकता है।
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