गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पहले से ही विदेश में इलाज करा रहे हैं, और अब ऐसी अपुष्ट खबरें आ रही हैं कि वित्त मंत्री अरुण जेटली बेहद बीमार हैं और उन्हें इलाज के लिए विदेश जाने की सलाह दी गई है।
तीन साल पहले अरुण जेटली की बैरियाट्रिक सर्जरी (चर्बी घटाने का इलाज) हुई थी, और इससे रिकवर करने में उन्हें काफी समय लगा था। जेटली गंभीर डायबिटीज़ के भी मरीज़ हैं और अकसर उनकी तबीयत खराब होती रही है।
उनकी बीमारी को लेकर इस साल जनवरी से काफी चर्चाएं उस समय शुरु हो गईं, जब वे दावोस में हुए विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री के साथ नहीं गए। हालांकि, अधिकारिक तौर पर कहा गया था कि, चूंकि वित्त मंत्री बजट तैयार करने में व्यस्त हैं, इसलिए वे दावोस नहीं गए।
Published: 03 Apr 2018, 5:39 PM IST
अरुण जेटली किस बीमारी से ग्रस्त हैं, यह साफ नहीं है, लेकिन उनके बीमार होने की खबरें बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के लिए बहुत ही मुश्किल समय में सामने आई हैं। सरकार आर्थिक मोर्चे पर जूझ रही है, अर्थव्यवस्था बुरे हाल में है, किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, बढ़ती बेरोजगारी मुंह बाय खड़ी है और एक के बाद एक वित्तीय घोटाले सामने आ रहे हैं।
इसके अलावा मोदी सरकार को दलितों और युवाओं के गुस्से का सामना भी करना पड़ रहा है। भले ही सरकार ने संसद में आए कई अविश्वास प्रस्तावों को रोकने में कामयाबी हासिल कर ली हो, लेकिन कर्नाटक से जो खबरें निकल रही हैं, वो एनडीए के लिए अच्छी नहीं हैं।
Published: 03 Apr 2018, 5:39 PM IST
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के हाथों पंजाब नेशनल बैंक में हुए महाघोटाले पर सरकार अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई है। साथ ही निजी क्षेत्र के बैंकों में सामने आ रहे कार्पोरेट गवर्नेंस के मुद्दों पर भी सरकार की किरकिरी हो रही है।
जेटली का बीमार होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि फिलहाल सरकार में ऐसा कोई नजर नहीं आता जो जेटली का विकल्प बन सके या कम से कम उनकी गैरमौजूदगी में वित्त मंत्रालय संभाल सके। पिछले साल तक उनके उत्तराधिकारी के तौर पर पीयूष गोयल का नाम चल रहा था, लेकिन जब उन्हें बिजली मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार से हटाकर रेलवे दिया गया तो इन कयासों पर विराम लग गया था।
राजनीतिक गलियारों में यह बात आम है कि अरुण जेटली की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विशेष नजदीकियां हैं। दोनों एक-दूसरे को तब से जानते हैं जब जेटली विद्यार्थी परिषद के सदस्य थे। बाद के वर्षों में जब नरेंद्र मोदी को दिल्ली में बीजेपी कार्यालय में लगाया गया तो दोनों के बीच घनिष्ठता और बढ़ी। उस दौरान कई बार नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली के घर ही ठहरते थे।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अरुण जेटली ने ही उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के तौर-तरीकों और खास लोगों से परिचित कराया। दरअसल अरुण जेटली के घर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात कई बड़े पत्रकारों और संपादकों से हुई थी।
ऐसे में अरुण जेटली की जगह किसी विश्वास पात्र को तलाशना फिलहाल मुश्किल काम है, खासतौर से तब, जबकि लोकसभा चुनाव एक साल भी दूर नहीं रह गए हों।
Published: 03 Apr 2018, 5:39 PM IST
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Published: 03 Apr 2018, 5:39 PM IST