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ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ जारी किया अरेस्ट वारंट, इंटरपोल से मांगी गिरफ्तारी में मदद

भले ट्रंप के खिलाफ ईरान के अरेस्ट वारंट पर कोई कार्रवाई न हो, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार इसे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की नई आहट के तौर पर देख रहे हैं। ईरान और विश्व के प्रमुख देशों के साथ हुए परमाणु समझौते से ट्रंप के अलग होने के बाद से ये तनाव लगातार बढ़ा है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

ईरान ने एक हैरतअंगेज कदम के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी कर दिया है। इतना ही नहीं, ईरान ने ट्रंप की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल मुख्यालय से मदद भी मांगी है। ईरान सरकार की ओर से इंटरपोल से फोन पर कहा गया है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति और मामले में शामिल अन्य को हिरासत में लेने में उसकी मदद करें।

खबरों के मुताबिक ईरान ने ट्रंप के खिलाफ यह वारंट अपने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के मामले को लेकर जारी किया है। ईरान के टॉप जनरल कासिम सुलेमानी इस साल की शुरुआत में बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक ड्रोन हमले में मारे गए थे। इस हमले का आरोप अमेरिका पर है। जनरल सुलेमानी की मौत के बाद से ईरान और अमेरिकी में काफी तनाव पैदा हो गया था और युद्ध के आसार नजर आने लगे थे। लेकिन किसी तरह शांति बहाल हुई।

समाचार एजेंसी आईएसएनए ने तेहरान के मुख्य अभियोक्ता अली-अल-कासिमेहर के हवाले से बताया कि अरेस्ट वारंट में ट्रंप के अलावा 30 अन्य लोगों के भी नाम हैं। ईरान मानता है कि ये सभी लोग 3 जनवरी को सुलेमानी को मारने के लिए की गई ड्रोन स्ट्राइक को कराने में संलिप्त हैं। जिन लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है, उन पर ‘हत्या और आतंकवाद को बढ़ावा देने’ के आरोप हैं। ईरान की अर्द्धसरकारी संवाद एजेंसी आईएसएन के मुताबिक अलकासिमेहर ने ट्रंप के अलावा किसी अन्य की पहचान नहीं की है। ईरान ट्रंप का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी उनके खिलाफ अभियोजन जारी रखेगा।

भले ईरान ने ट्रंप के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया हो, मगर फिलहाल उन्हें गिरफ्तारी का कोई खतरा नहीं है। फ्रांस के लियोन स्थित इंटरपोल ने ईरान के वारंट को लेकर तत्काल कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन ऐसी कोई संभावना नहीं है कि इंटरपोल ईरान के अनुरोध को स्वीकार करेगा। दरअसल इंटरोपल किसी ‘राजनीतिक प्रकृति’ के मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। इस मामले को भी राजनीतिक प्रकृति के मामले के तौर पर ही देखा जाएगा।

भले ट्रंप के खिलाफ ईरान के अरेस्ट वारंट पर कोई कार्रवाई न हो, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार इसे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की नई आहट के तौर पर देख रहे हैं। ईरान और विश्व के प्रमुख देशों के साथ हुए परमाणु समझौते से ट्रंप के अलग होने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ा है। इसी दौरान ईरान के शीर्ष कमांडर सुलेमानी की हत्या के बाद से ये तनाव चरम पर है।

Published: 30 Jun 2020, 12:03 AM IST

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Published: 30 Jun 2020, 12:03 AM IST