राहुल गांधी, महुआ मोइत्रा, शशि थरूर समेत कई विपक्षी नेताओं द्वारा उनके आईफोन पर हैकिंग के खतरे का अलर्ट मिलने के बाद हैकिंग का आरोप लगाने के बाद राजनीतिक हड़कंप मच गया है। विपक्ष के नेताओं ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। वहीं इस मामले पर अब सरकार ने बयान दिया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि वह इसे लेकर बेहद गंभीर है। हालांकि, साथ ही उसने विपक्षी नेताओं को निशाने पर भी लिया है।
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हैकिंग मामले के तूल पकड़ने के बाद केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भोपाल में कहा कि कुछ सांसदों ने जो मुद्दा उठाया है कि उनके पास एप्पल से एक अलर्ट आया है। उसके बारे में मैं साफ करना चाहता हूं कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत गंभीर है, हम इस मुद्दे की तह तक जाएंगे। जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि, वैष्णव ने साथ ही कहा कि देश में हमारे कुछ आलोचक हैं जिनकी आलोचना करने की आदत हो गई है। ये लोग देश की उन्नति को पचा नहीं सकते। एप्पल ने 150 देशों में ये सूचना भेजी है। एप्पल के पास कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अनुमान के आधार पर ये सूचना भेजी है।
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इससे पहले मंगलवार सुबह कांग्रेस, एसपी, टीएमसी, एआईएमआईएम के नेताओं ने उन्हें एप्पल से मिली चेतावनी का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए हैकिंग की आशंका जताई। कांग्रेस नेता शशि थरूर, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने स्क्रीनशॉट्स शेयर कर सरकार पर हमला बोला। प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनके फोन पर ‘राज्य प्रायोजित’ हमले की जांच करने का भी आग्रह किया।
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इसके बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई विपक्षी नेताओं को उनके फोन निर्माता से प्राप्त चेतावनी ई-मेल की एक प्रति दिखाई। इसमें कहा गया था कि “स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स उनके फोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं”। वहीं लखनऊ में एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कहा कि कंपनी के माध्यम से आए मैसेज में बताया जा रहा है कि स्टेट की ओर से आपका फोन हैक किया जा रहा है। दुख की बात है कि लोकतंत्र में आजादी और निजता को भी ये खत्म करना चाहते हैं। जासूसी किस लिए? इसकी जांच होनी चाहिए।
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