जिस मर्सिडीज कार हादसे में टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत हुई, उस कार के चिप और ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए जर्मनी भेजा जाएगा। इस बीच पुलिस ने हादसे वाली जगह का गहराई से मुआयना किया है और हाईवे पर एक कार में डमी पैसेंजर बिठाकर जानने की कोशिश की कि आखिर हादसा किस तरह हुआ हो सकता है।
ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी मर्सिडीज़ बेंज ने मंगलवार को कहा कि जिस कार में साइरस मिस्त्री की मौत हुई, उसे पूरी तरह जांच-पड़ताल के लिए कंपनी के मुख्यालय जर्मनी भेजा जाएगा। साथ ही कार का चिप और ब्लैक बॉक्स भी जर्मनी भेजा जा रहा है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं कार में तो किसी किस्म की कोई खामी नहीं थी जिसके कारण यह हादसा हुआ।
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दरअसल पालघर पुलिस ने हादसे की जांच के दौरान कार बनाने वाली कंपनी मर्सिडीज बेंज से यह जानकारी मांगी है कि आखिर हादसे के बाद कार में फिट एयर बैग क्यों नहीं खुले। पालघर पुलिस ने इसके अलावा भी कई सवाल मर्सिडीज से पूछे हैं जिनमें यह जानकारी भी शामिल है कि क्या कार में कोई मेकेनिकल खामी थी और कार के ब्रेक फ्लुइड और टायर प्रेशर की स्थिति क्या थी?
इस बीच डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा महाराष्ट्र डीजीपी रजनीश सेठ को निर्देश दिए जाने के बाद हादसे की जांच में तेजी आई है। मुंबई पुलिस की एक टीम ने मंगलवार को हादसे वाली जगह की गहराई से जांच की। पुलिस ने एक कार में डमी पैसेंजर बिठाकर जानने की कोशिश की कि हादसा कैसे हुआ हो सकता है? मुंबई पुलिस ने कार में पिछली सीट पर बिना सीट बेल्ट लगाए बैठने के कुछ एनीमेशन भी अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किए हैं। साथ ही लोगों से अपील की है कि पिछली सीट पर बैठते वक्त भी सीट बेल्ट का इस्तेमाल अवश्य करें।
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पुलिस ने कहा कि मर्सिडीज जैसी कारें फैक्ट्री से सारी जांच और कड़े टेस्ट के बाद बाहर आती हैं, ऐसे में आखिर वह क्या स्थितियां थी जिनके कारण यह हादसा हुआ। पुलिस का कहना है कि, “कार बनाने वाली कंपनी को गहन जांच कर हादसे का कारण बताना चाहिए कि आखिर टक्कर होने पर कार में क्या तब्दीलियां आती हैं? इसके अलावा कार कंपनी को यह भी बताना चाहिए कि क्या टक्कर के बाद कार स्टीयरिंग लॉक हो गया था?”
बता दें कि 4 सितंबर को साइरस मिस्त्री की अहमदाबाद-मुंबई हाइवे पर पालघर जिले में चरोती के नजदीक एक कार हादसे में मौत हो गई थी। मिस्त्री के अलावा कार में तीन और लोग बैठे थे। जिनमें उनके साथ पीछे की सीट पर बैठे जहांगीर बिनशा पंडोले की मौत हो गई थी। जबकि कार चलाने वाली मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की गायनकोलॉजिस्ट डॉ अनाहिता पंडोले और उनके पति डेरियस पंडोले गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। इन दोनों को पहले गुजरात के वापी में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बाद में इन्हें मुंबई में कोकिला बेन अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
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हादसे के बारे में मुंबई के पूर्व डीजीपी और कभी ट्रैफिक कमिश्नर रहे पी एस पसरीचा ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं कि कार चालक डॉ अनाहिता काफी तेज रफ्तार से कार चला रही थीं। उन्होंने कहा, “मुंबई-अहमदाबाद हाईवे 6 लेन का है, लेकिन जहां हादसा हुआ वहां यह हाईवे दो लेन में संकरा हो जाता है। हो सकता है डॉ अनाहिता ने किसी वाहन को बाईं तरफ से ओवरटेक करने की कोशिश की हो और हाईवे के किनारे स्थित कंकरीट को न देख पाई हों जिसके चलते वे कार पर नियंत्रण खो बैठी हों। उन्होंने अचानक ब्रेक लगाया तो कार की रफ्तार झटके से कम हुई और वे चूंकि सीट बेल्ट पहने थीं इसलिए उनका और उनके पति का एयर बैग खुल गया जबकि पीछे की सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और दूसरे पैसेंजर चूंकि सीट बेल्ट नहीं लगाए थे इसलिए वे अचानक से आगे टकराए होंगे।“
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