बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का परिवार अब ग्रेटर नोएडा में रहता है। इस परिवार के लोगों से तब तक नहीं मिला जा सकता है जब तक वो खुद न चाहे। बेहद भरोसे के लोगों को उनके घर मे दाख़िल होने की इजाज़त है और सिर्फ उनके नजदीकी ही जानते हैं कि शहीद पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार के सदस्य कहां रहते हैं।
Published: 28 Aug 2019, 1:17 PM IST
बुलंदशहर में गोकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या हो गई थी। उनकी पत्नी रजनी सुबोध सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “उन्हें जेल से धमकियां मिल रही हैं। उनके पति के पास फोर्स और हथियार दोनों थे, तब उन्हें मार दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि जेल से रिहा होने के बाद मेरे पति के कातिलों को जिस तरह से माला पहनाई जा रही है, नारे लगाए जा रहे हैं, इससे मैं खुद को भी सुरक्षित नहीं समझ रही हूं।” उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने घर का पता बहुत कम लोगों से सांझा करना चाहती हूं, जिससे मैं अपने परिवार की सुरक्षा कर सकूं। उन्होंने आगे बताया कि मुझे सुरक्षा दी गई है मगर यह हमेशा न ही रहेगी। मुझे कहा जाता है मैं ज्यादा बात न करूं, मीडिया से दूर रहूं।” उन्होंने आगे कहा कि मैं अब भरोसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हूं। मेरे पति जिस खाकी को पहनते थे वो ही खाकीवाले मुझे इंसाफ नही दिला पा रहे हैं।
Published: 28 Aug 2019, 1:17 PM IST
बुलंदशहर कांड में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी बुरी तरह टूट चुकी है। उनके चेहरे पर तनाव और शब्दों में काफी ठहराव दिखाई दे रही हैं। सिर्फ 6 महीने में अपने पति की हत्या के आरोपियों की जमानत पर बाहर आ जाने से वो काफी आहत है। वो कहती है, “मैं एक ऐसे इंस्पेक्टर की पत्नी हूं जो विवेचना का मास्टर था। मैं सब समझती हूं कि विवेचना दमदार होती सरकारी वकील मजबूत पैरवी करते तो ये जीवन भर जेल से न आते, मजबूत विवेचना में कई बार आरोपियों को जमानत नहीं मिली है और जेल से सीधे सजा भी हुई है।”
Published: 28 Aug 2019, 1:17 PM IST
रजनी कहती है, “विड़म्बना है खुद पुलिस अपने इंस्पेक्टर को इंसाफ नही दिला पा रही है। मेरे पति ने अपनी नौकरी के दौरान बेहद ईमानदारी से काम किया और मजलूमों की मदद की और राजनीतिक दबाव दरकिनार किया मगर आज उनके साथ गंदी राजनीति हो रही है। जो कुछ कर सकते हैं वो चुप है और जो कुछ नही कर सकते हैं वो बेबस है रो रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन हम इस लड़ाई को छोड़ने वाले नही है। मैं आखिर तक लड़ूंगी। आखिरी दम तक अपने पति के हत्यारों को सज़ा दिलाने की कोशिश करूंगी। सरकार को इस जमानत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाना चाहिए और आदेश को निरस्त कराना चाहिए अगर सरकार ऐसा नही करती है मैं खुद ऐसा करूंगी। मैं उच्च अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करूंगी।”
Published: 28 Aug 2019, 1:17 PM IST
रजनी मानती है कि पुलिस से उन्हें सपोर्ट मिला मगर उन्हें जस्टिस की जरूरत है। वो कहती है, “मैंने बडे अधिकारियों को बताया, उनसे मदद मांगी जब तक प्रभाकर चौधरी एसएसपी बुलंदशहर रहे तब तक हमें उनसे बहुत उम्मीदें थी। उनके रहते कार्रवाई प्रभावी चल रही थी। दो महीने में ही उनका तबादला हो गया और उसके बाद विवेचना प्रभावित हो गई। उनको हटाया नहीं जाना चाहिए था।”
रजनी सिंह मानती है कि उनके पति के हत्यारोपियों को 6 महीने में ही जमानत मिलना उनके पति की शहादत की हार है। उनका कहना है अब पुलिस मुश्किल परिस्थितियों में खुद की जान बचाने को प्राथमिकता देगी। इतिहास से सीखकर कोई उनके पति सुबोध की तरह अपनी जान पर नही खेलेगा।
Published: 28 Aug 2019, 1:17 PM IST
रजनी सिंह स्थानीय नेताओं के रवैया से आहत है वो कहती है, “उन्होंने वोट के लिए मानवता को कुचल दिया वो हत्यारों के पक्ष में सिफारिश करते रहे उन्होंने धरने दिए और पैरोकारी की मगर मुझे पुलिस से शिकायत है पुलिस में अपने साथी के लिए क्या किया। अभी तो सिर्फ 6 महीने हुए हैं अभी तक तो उनकी जमानत पर सुनवाई भी नही होनी चाहिए थी।”
Published: 28 Aug 2019, 1:17 PM IST
गौरतलब है 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना थाना अंतर्गत महाब गांव में गोवंश के अवशेष मिलने पर बवाल हो गया था। इसी दिन बुलंदशहर में मुस्लिमों का एक बड़ा धार्मिक आयोजन था जिसमें लाखों लोगों की मौजूदगी थी। बवाल के दौरान कई पुलिसकर्मियों को जान बचाकर भागना पड़ा था। चिरंगवठी चौकी में भीड़ ने आग लगा दी थी। मौके पर जूझ रहे स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। बवाल में शामिल 44 विभिन्न हिन्दू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए थे। इनमे बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज और बीजेपी युवा मोर्चा का नगर अध्यक्ष शिखिर अग्रवाल भी था। गोकशी के भी 9 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया जिन सभी पर रासुका लगाई गई जबकि इन 44 लोगों पर पुलिस ने राजद्रोह की कार्रवाई की।
Published: 28 Aug 2019, 1:17 PM IST
इंस्पेक्टर के कत्ल के आरोप में जेल गए बीजेपी युवा मोर्चा के अध्य्क्ष शिखिर अग्रवाल और जीतू फौजी समेत 7 लोग अब बाहर आ गए हैं। उनके जेल से बाहर आने के बाद जोरदार स्वागत किया गया और भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे लगाए गए। शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का परिवार इससे बहुत आहत है।
Published: 28 Aug 2019, 1:17 PM IST
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Published: 28 Aug 2019, 1:17 PM IST