यूक्रेन में भारत के कम से 20 हजार नागरिक फंसे हुए हैं और उन्होंने बीते दिनों में विदेश मंत्रालय को लगातार फोन कॉल किए हैं और मदद के लिए ईमेल भेजे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। विदेश सचिव हर्षवर्धन सिंगला ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि, "यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हमने करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया था। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां थे।"
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सिंगला ने बताया कि, "पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत लौट चुके हैं। दिल्ली में विदेश मंत्रालय के कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं"
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उन्होंने बताया कि "रूस पर यूके, यूएस, ऑस्ट्रेलिया, जापान आदि द्वारा कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। हमें देखना होगा कि इन प्रतिबंधों का हमारे हितों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। यह स्वीकार करना होगा कि किसी भी प्रतिबंध का हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा।"
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सिंगला ने बताया कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ देर में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करेंगे।
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