देश में मोदी सरकार आने के बाद से पिछले कुछ वर्षों में नागरिकता छोड़ने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। साल 2021 में 1.63 लाख का यह आंकड़ा 2022 में 2.25 लाख तक पहुंच गया। गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा को बताया कि मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अपनी भारतीय नागरिकता त्यागने वाले भारतीयों की संख्या 2015 में 1,31,489; 2016 में 1,41,603; 2017 में 1,33,049; 2018 में 1,34,561; 2019 में 1,44,017; 2020 में 85,256; 2021 में 1,63,370 और 2022 में 2,25,620 रही । इसके अलावा यह आंकड़ा 2011 में 1,22,819; 2012 में 1,20,923; 2013 में 1,31,405; 2014 में 1,29,328 था।
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इससे पहले जुलाई 2022 में मानसून सत्र के दूसरे दिन मोदी सरकार ने बीते तीन साल में भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों का आंकड़ा पेश किया था। लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जानकारी देते हुए कहा था कि पिछले तीन साल में करीब 4 लाख नागरिकों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2019, 2020, 2021 में नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या क्रमशः 144017, 85256 और 163370 है। यानी कि इन तीन वर्षों में कुल 3,92,643 लोगों ने नागरिकता छोड़ी थी।
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केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 2019 में 61,683 लोग भारतीय नागरिकता छोड़कर अमेरिका में जा बसे। 2020 में यह संख्या 30,828 थी। जबकि 2021 में 71,284 लोगों ने अमेरिका का रुख किया था। भारतीय नागरिकता छोड़कर विदेश में बसने के लिए ऑस्ट्रेलिया भारतीयों की दूसरी पसंद रहा। 2019 में 21,340 लोग भारतीय नागरिकता छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में बसे थे। 2020 में यह आंकड़ा 13,518 था। वहीं 2021 में कुल 23,533 लोग भारतीय नागरिकता छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में जा बसे थे।
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अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद लोगों की तीसरी पसंद कनाडा रहा। 2019में 25,381 लोग भारतीय नागरिकता छोड़कर कनाडा में बसे थे। 2020 में यह संख्या 17,093 थी। वहीं 2021 में कुल 21,597 लोग भारतीय नागरिकता छोड़कर कनाडा में बस गए थे। बसने के मामले में चौथे स्थान पर ब्रिटेन रहा। 2019 में 14,309 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़कर ब्रिटेन में अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की। 2020 में यह संख्या घटकर 6489 हो गई। लेकिन 2021 में यह फिर बढ़कर 14,637 हो गई। वहीं पिछले तीन साल के दौरान 5 भारतीय नागरिकों ने यूएई की नागरिकता हासिल की है।
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