6 साल बाद पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी हामिद निहाल अंसारी को आखिरकार रिहाई मिल गई और आज मंगलवार को वह भारत लौट आए हैं। पाकिस्तान में रावी नदी से पार कराने के बाद उन्हें एक जेल वैन के जरिए वाघा-अटारी सीमा पर लाया गया है। इस दौरान वाघा-अटारी सीमा परिवार के सदस्य बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे थे। उनकी वतन वापसी में अहम भूमिका निभाने वाले पत्रकार देसाई के अलावा मां, पिता और भाई भी उनकी अगवानी के लिए इस दौरान मौजूद रहे।
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पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस अंड डेमोक्रेसी (पीआईपीएफपीडी) के महासचिव जतिन देसाई ने बताया, “हां, यह एक बहुत अच्छी खबर है। हामिद नेहाल अंसारी को जेल से रिहा कर दिया गया है।” मुंबई के एक्टिविस्ट और पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े, जिन्होंने पिछले कुछ सालों से अंसारी के परिवार की सहायता की है, उन्होंने कहा कि वे औपचारिकताएं पूरी करने और उसकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग गए थे।
खबरों के मुताबिक, कथित रूप से सोशल मीडिया पर उनकी दोस्ती एक पाकिस्तानी लड़की से हो गई और लड़की की जबरन कराई जा रही शादी रोकने के लिए वह खैबर पख्तूनख्वा के कोहट पहुंचे। 12 नवंबर 2012 को अंसारी ने पाकिस्तान के पेशावर जाने के लिए जलालाबाद में अफगानिस्तान सीमा पार की, जहां पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया।
बता दें कि पाकिस्तान ने पेशे से इंजीनियर अंसारी पर भारतीय जासूस होने और देश में अवैध तरीके से प्रवेश करने सहित फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल और देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया था।
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नवंबर 2012 से जब अंसारी रोजगार के सिलसिले में देश छोड़ काबुल के लिए रवाना हुए और फिर उनके लापता होने की खबर आई, उनके परिवार के लिए यह कठिन परीक्षा का समय रहा। 12 नवंबर 2012 को अंसारी ने पाकिस्तान के पेशावर जाने के लिए जलालाबाद में अफगानिस्तान सीमा पार की, जहां पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया। बाद में, एक सैन्य अदालत ने उन्हें तीन साल के लिए जेल भेज दिया।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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