भारत-चीन के बीच एलएसी पर जारी गंभीर सीमा विवाद के बावजूद भारतीय सेना ने मानवता का परिचय देते हुए सिक्किम में फंसे चीनी नागरिकों को मदद पहुंचाकर मिसाल कायम किया है। दरअसल 3 सितंबर को तीन चीनी नागरिक उत्तरी सिक्किम में 17,500 फीट की ऊंचाई पर अपना रास्ता भटक गए थे, जिसके बाद भारतीय सेना ने उनकी मदद की। यह घटना ऐसे समय हुई है, जब दोनों देश की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में पिछले चार माह से एक-दूसरे के आमने-सामने हैं।
सिक्किम में चीनी नागरिकों की जिंदगी पर संकट के बादल मंडराते देख, भारतीय सेना के जवान तुरंत उनके पास पहुंचे और कठोर जलवायु परिस्थितियों में भी तत्काल मेडिकल सहायता, खाना और गर्म कपड़े की मदद पहुंचाई। इसके बाद भारतीय जवानों ने उन्हें उनके गंतव्य के रास्ते की उचित जानकारी दी और वापस चले गए। चीनी नागरिकों ने भारतीय सेना की इस तत्काल मदद को लेकर आभार जताया है।
हाल में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने एलएसी के करीब भारतीय क्षेत्रों में ताजा घुसपैठ के कई प्रयास किए हैं। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच जारी तनाव चरम पर पहुंच गया है। चीनी सैनिकों ने 31 अगस्त को पैंगोंग त्सो में यथास्थिति बदलने का दुस्साहस करते हुए उकसाऊ हरकतें कीं, मगर भारतीय सैनिकों ने पीएलए के मंसूबों पर पानी फेर दिया। इससे पहले भी 29 अगस्त और 30 अगस्त 2020 की मध्यरात्रि को पीएलए के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के दौरान सैन्य और राजनयिक सहमति का उल्लंघन किया।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। झड़प में चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबरें भी सामने आई थीं, मगर चीन ने अभी तक इस संबंध में चुप्पी साध रखी है। उसके बाद से दोनों देश पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चार महीने से आमने-सामने हैं। बातचीत के कई स्तरों के बावजूद तनाव को खत्म करने को लेकर कोई सफलता नहीं मिली है।
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