भारतीय वायुसेना ने 12 मिराज-2000 विमानों के जरिए पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए-मौहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया है। इन मिराज विमानों ने आतंकियों के ठिकानों पर करीब 1000 किलोग्राम बम बरसाए हैं। एक खास रणनीति के तहत भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन में मिराज लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया है। आइए जाने हैं कि लड़ाकू विमान मिराज की खासियत क्या है।
लड़ाकू विमान मिराज-2000 फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया है। ये वही कंपनी है, जिसने राफेल विमान को बनाया है। मिराज-2000 चौथी जेनरेशन का मल्टीरोल, सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है। इस विमान ने 1970 में पहली बार उड़ान भरी थी। यह विमान 1985 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने थे। मिराज वही लड़ाकू विमान है, जिसने करगिल जंग के दौरान पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। मिराज-2000 विमान वह शक्तिशाली लड़ाकू विमान है जो युद्ध क्षेत्र में पलक झपकते ही दुश्मन देश की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है।
मिराज लड़ाकू विमान फिलाहाल करीब 9 देशों के पास हैं। समय-समय पर इस विममान को अपग्रेड करने का काम किया जाता रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक, 2009 तक करीब 600 से ज्यादा मिराज लड़ाकू विमान दुनिया भर में सेवारत हैं।
Published: 26 Feb 2019, 11:22 AM IST
भारतीय वायुसेना में इस्तेमाल किए जा रहे करीब 51 मिराज-2000 विमानों के एक बेड़े को बेहतर बानाने के लिए फ्रांस से 1.9 बिलियन डालर का समझौता किया गया है। जून 2011 में यह घोषणा की गई थी कि सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 के उन्नयन पर विचार करेगी। इसके बाद यह समझौता किया गया था।
Published: 26 Feb 2019, 11:22 AM IST
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Published: 26 Feb 2019, 11:22 AM IST