कांग्रेस ने रविवार को प्रकृति संरक्षण सूचकांक में 180 देशों की सूची में भारत के 176वें स्थान पर रहने को लेकर मोदी सरकार पर कटाक्ष किया और पूछा कि क्या इस सूचकांक के सह-विकासकर्ता इजराइल के बेन गुरियन विश्वविद्यालय की प्रमाणिकता पर भी सवाल उठाया जाना चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से कथित रैंकिंग पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की गई है।
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कांग्रेस महासचिव और पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, ‘‘जब भी भारत किसी वैश्विक सूचकांक या अन्य चीजों में बहुत नीचे की रैंक प्राप्त करता है, तो प्रधानमंत्री के नाम का ढोल बजाने वालों और जय-जयकार करने वालों की तत्काल प्रतिक्रिया सूचकांक पर हमला करने की होती है और इसे एजेंडा चलाने वाले गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा देश को बदनाम करने की साजिश करार दिया जाता है।’’
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उन्होंने पूछा कि हाल ही में जारी प्रकृति संरक्षण सूचकांक पर क्या प्रतिक्रिया होगी जिसमें भारत 180 देशों में से 176वें स्थान पर है। रमेश ने कहा, ‘‘इस सूचकांक का सह-विकासकर्ता इजराइल का बेन गुरियन विश्वविद्यालय है। क्या इस विश्वविद्यालय की प्रमाणिकता पर भी सवाल उठाया जाएगा?’’
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डाउन टू अर्थ की खबर के मुताबिक, प्रकृति संरक्षण सूचकांक में 180 देशों की सूची में भारत को 176वें स्थान पर रखा गया है। खबरों के मुताबिक, इस सूचकांक में भारत को किरिबाती से कुछ ही ऊपर रखा गया है जो लिस्ट में 180वें स्थान पर है। वहीं तुर्किये (179वें), इराक (178वें) और माइक्रोनेशिया (177वें) जैसे देश भारत से नीचे हैं।
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