भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने गुरुवार को करतारपुर कॉरीडोर समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक के पास की सीमा से महज 4.5 किलोमीटर की दूरी पर है। यह पवित्र स्थल कॉरिडोर (गलियारे) के माध्यम से पूरे वर्ष भारतीय तीर्थ यात्रियों के लिए सुलभ रहेगा।
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संयुक्त सचिव ने आगे कहा, “सभी धर्मों के भारतीय तीर्थयात्री और भारतीय मूल के व्यक्ति करतारपुर कोरिडोर का उपयोग कर सकेंगे। यह यात्रा वीजा मुक्त होगी। तीर्थयात्रियों को केवल एक वैध पासपोर्ट ले जाने की जरूरत है।” तीर्थयात्रियों के पंजीकरण के लिए, ऑनलाइन पोर्टल http://prakashpurb550.mha.gov.in आज लाइव हो गया है।
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इस कॉरिडोर का उद्घाटन 9 नवंबर को पाकिस्तान में पीएम इमरान खान और भारत में प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। बता दें कि इससे एक दिन पहले बुधवार को समझौते पर हस्ताक्षर होने वाले थे लेकिन किसी कारण से इसमें एक दिन की देरी हो गई। इसके बाद 24 अक्टूबर को दोनों पक्षों ने मुलाकात की और एग्रीमेंट पर साइन किया। हालांकि भारत को अभी भी श्रद्धालुओं से 20 डॉलर लेने के मसौदे पर असहमति है।
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इस बीच यह भी है कि भारत के विरोध के बावजूद कॉरिडोर के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान तीर्थयात्रियों से शुल्क लेगा।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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