एक बार फिर चीन और अमेरिका समेत दुनिया के पांच देशों में कोरोना वायरस के मामलों में तेज वृद्धि को देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। हालांत को देखते हुए भारत सरकार ने अभी से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश जारी कर कई एहतेयात बरतने और कई जरूरी कदम उठाने को कहा है। ताजा हालात के बीच स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एनसीडीसी और आईसीएमआर को पत्र लिखकर कहा है कि सभी राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर देना होगा। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया बुधवार को देश में कोविड-19 की स्थिति पर वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे।
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हालांकि, इस समय भारत में कोरोना के मामले ज्यादा नहीं हैं और इससे मौतें भी ना के बराबर हो रही हैं, लेकिन एक बार फिर इस वायरस के पूरी दुनिया में पैस पसारने की रफ्तार को देखते हुए सरकार कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। इसी वजह से स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की तरफ से एनसीडीसी और आईसीएमआर को पत्र लिखकर कहा गया है कि अगर कोरोना के नए वैरिएंट्स की समय रहते पहचान करनी है, तो इसके लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है। उन्होंने राज्यों को भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजने के निर्देश दिए हैं।
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हालांकि, एक तरफ भारत सरकार सभी राज्यों को सावधानी बरतने और कड़े कदम उठाने के लिए कह रही है, वहीं दूसरी तरफ पैनिक नहीं होने की भी नसीहत दे रही है। मंगलवार को एंटी टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य और कोविड टीकाकरण अभियान के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि भारत को चीन की हालत से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। यह सही है कि चीन में कोरोना फिर तेजी से पैर पसार रहा है। लेकिन भारत में बड़े स्तर पर टीकाकरण किया जा चुका है। अरोड़ा ने ये भी कहा कि जितने भी कोरोना के सब वैरिएंट आए हैं, वे भारत में मिल चुके हैं। ऐसे में सिर्फ सावधानी बरतने की जरूरत है।
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गौरतलब है कि चीन में कोरोना की स्थिति ज्यादा विस्फोटक बनी हुई है। चीन सरकार द्वारा हाल में भारी विरोध के कारण जीरो कोविड पॉलिसी में ढील देने के बाद अब देश में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं। हालात ऐसे बन गए हैं कि अस्पताल में मरीजों के लिए बेड नहीं हैं। शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है और कई मरीजों को जरूरी दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं।
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