न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मुलाकात तय हुई थी। पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्री स्तर पर मुलाकात की पेशकश स्वीकार किए जाने के महज 24 घंटे के अंदर ही भारत ने इस मुलाकात को रद्द करने का फैसला लिया है। इसके पीछे का कारण पाकिस्तान द्वारा सीमा पर लगातार नियमों का उल्लंघन करना और अशांति फैलाना बताया गया है। इससे पहले जब भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की प्रस्तावित मुलाकात की खबर आई, तो अमेरिका ने इसका स्वागत किया था।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “कल हमने घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री न्यूयॉर्क में मुलाकात करेंगे। उसके बाद दो घटनाएं हुईं जिसमें हमारे जवानों के साथ बर्बरता की गई थी। सैनिकों की हत्या से पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने आ गया। हमने बातचीत इसलिए रखी थी क्योंकि पाक प्रधानमंत्री ने शांति के पक्ष में भारत को चिट्ठी लिखी थी। लेकिन अब ये साफ हो चुका है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का असली चेहरा सामने आ चुका है। वो भी उनके कार्यक्राल के शुरुआती दौर में। इस बदली हुई परिस्थिति में भारत पाक के विदेश मंत्रियों के बीच कोई मुलाकात नहीं होगी।”
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विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक की घोषणा के बाद से 2 बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण और परेशान करनेवाली घटनाएं हुई। पहला पाकिस्तान के द्वारा हमारे जवान की क्रूरतापूर्ण हत्या और दूसरा ये की पाकिस्तान ने आतंकवादियों को महिमामंडित करने के लिए 20 डाक टिकटों का श्रृंखला हाल में जारी किया है।”
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरूवार को कहा था कि पाकिस्तान सरकार के अनुरोध पर भारत मीटिंग के लिए तैयार है। लेकिन बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। रवीश कुमार ने कहा था कि बीएसएफ के जवान की हत्या बहुत ही जघन्य घटना है।
इससे पहले साल 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत स्थगित हो गई थी। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच आखिरी बार दिसंबर 2015 में हार्ट ऑफ एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान बैठक हुई थी, जहां सुषमा पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री सरताज अजीज से मिली थीं।
बता दें कि खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर यह कहा था कि दोनों देशों के संबंध बेहतर होने चाहिए। उनके तरफ से पीएम मोदी को लिखे गए लेटर में यह प्रस्ताव दिया गया था कि इस महीने के अंत में न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच बातचीत हो। इमरान खान ने यह प्रस्ताव भी रखा था कि भारत जल्दी से जल्दी पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन आयोजित कराने पर विचार करे।
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