भाईयों और बहनों, आप सबका यहाँ बहुत-बहुत स्वागत और जो हमारी बहनें आई हैं, आपका भी आज यहाँ बहुत-बहुत स्वागत, नमस्कार।
आज यहाँ वापस आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है और आपने जो प्यार दिया, इसके लिए मैं बहुत-बहुत आप सबका धन्यवाद करता हूँ। प्रियंका ने अपने भाषण में हमारा और आपका जो रिश्ता है, उसके बारे में बोला। उन्होंने आपको याद दिलाया कि जब हम छोटे थे, हम पिता के साथ, राजीव जी के साथ यहाँ अमेठी आते थे। मुझे याद है, आजकल यहाँ पर पक्की सड़कें हैं, कांग्रेस पार्टी ने यहाँ पर सड़कों का जाल, नेशनल हाईवे का जाल फैलाया है। मगर उस समय सड़कें नहीं हुआ करती थी। जो आज यहाँ थोड़े बुजुर्ग लोग हैं, उनको याद होगा कि अमेठी में ऐसे गांव हुआ करते थे, जो बारिश के समय तालाब बन जाते थे। याद है, आपको? और मुझे याद है, हम आते थे, गाड़ी नहीं पहुंच सकती थी, इतने-इतने पानी में (अपनी कमर के बराबर पानी होने का इशारा करके समझाते हुए) पापा के साथ हम गांव में जाते थे। तो ये रिश्ता जो है, ये सालों पुराना रिश्ता है और ये सच्चाई का रिश्ता है। ये झूठा रिश्ता नहीं है। जो हम आपसे कहते हैं, दिल की बात हम आपसे करते हैं। चाहे वो प्रियंका हो, मैं हूँ, मेरे पिता हों, दादी हों, दादा हों, परदादा हों, सच्चाई का रिश्ता है। पारिवारिक रिश्ता है। राजनैतिक रिश्ते में लोग उल्टी- सीधी बात करते हैं, झूठ बोल जाते हैं, मगर हमारा पुराना रिश्ता है और बहुत लंबा रिश्ता है और ये आगे भी बहुत लंबा रिश्ता चलेगा। तो हमें न झूठ बोलना है, न हमें झूठ की जरुरत हैं। हम सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं।
जब मैं यहाँ एमपी था, हमने जबरदस्त विकास का काम आपके साथ किया। मैंने अभी आपको बोला, सड़कों का जाल, चाहे वो पीएमजीएसवाई रोड़ हो, सीआरएफ हो या फिर नेशनल हाईवे हो। आप हिंदुस्तान का नक्शा देखिए, अमेठी में, पूरे हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा नेशनल हाईवे अमेठी से निकलते हैं और इसका आपको जबरदस्त फायदा हुआ है और आने वाले समय में और भी फायदा होगा। एफडीडीआई, एचएएल, बीएचईएल, राईफल की फैक्ट्री, ट्रिपल आईटी, ये सब काम हमने आपको करके दिया। रेलवे स्टेशन, नई रेलवे लाइन, हमने करके दिया।
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प्रधानमंत्री यहाँ आए और उन्होंने आपसे स्वयं झूठे वायदे किए। छोटा सा उदाहरण देता हूँ। उन्होंने कहा कि एके-2 और एके-3 की फैक्ट्री बीजेपी ने दिलवाई, सबके सामने, पूरी दुनिया जानती है कि कांग्रेस पार्टी ने ये फैक्ट्री दिलवाई, प्रधानमंत्री आकर झूठ कह जाते हैं, क्योंकि उनका राजनैतिक रिश्ता है, आपके साथ, उनका परिवारिक रिश्ता आप तो छोड़ो किसी के साथ नहीं है। आप देखिए, कुछ दिन पहले, प्रधानमंत्री ने गंगा में स्नान किया (जनता द्वारा चौकीदार चोर है के नारे के बीच) सुनिए, सुनिए, आपने देखा कि प्रधानमंत्री ने गंगा में स्नान किया। पहली बार मैंने जिंदगी में देखा, एक आदमी अकेले गंगा में स्नान कर रहा है। मैंने कभी पहले देखा नहीं, शायद ये इतिहास में नहीं हुआ कि एक आदमी जाकर, बाकी सबको परे कर दिया, योगी जी को हटा दिया, राजनाथ सिंह को बाहर फेंक दिया, कहा- नहीं भईया, कोई जरुरत नहीं, पूरी दुनिया को देखना है कि एक आदमी अकेला गंगा में स्नान कर रहा है और कोई नहीं कर सकता। देखिए, मैंने आपसे बात की, मैंने कहा कि हम (भीड़ से आवाज आई कि मोदी ने गंगा में चश्मा लगाकर डूबकी लगाई) वो आपने देखा, आपने देखा वो, मैं ज्यादा नहीं बोलूंगा, वो आपने आँखों से देखा है, क्या हुआ, क्या नहीं हुआ वहाँ पर। आपको याद होगा, जब नरेन्द्र जी छोटे थे, जब छोटे थे, उन्होंने मगरमच्छ से लड़ाई लड़ी थी। मुझे तो लग रहा था कि तैरना ही नहीं आता, वो अलग बात है। मुश्किल से मतलब, हाथ फैला-फैलाकर।
खैर, देखिए, आजकल देश में धर्म की बात होती है। हिंदू धर्म की बात होती है, हो रही है, पूरे देश में। तो हिंदू क्या होता है। मैं आपसे सवाल पूछना चाहता हूँ। क्या हिंदू झूठा होता है? (जनता ने कहा- नहीं)। हिंदू का मतलब मैं आपको बताता हूँ। हिंदू का मतलब, वो व्यक्ति, जो सच्चाई के रास्ते पर अपनी पूरी जिंदगी चलता है, उसे हम हिंदू कहते हैं। वो व्यक्ति, जो अपने डर के सामने अपना सिर कभी नहीं झुकाता, उसको हम हिंदू कहते हैं। वो व्यक्ति, जो अपने डर को नफरत में, क्रोध में और हिंसा में नहीं बदलने देता है, उसे हम हिंदू कहते हैं और अगर उदाहरण देखना हो, तो हमारे सामने सबसे बेहतर उदाहरण- महात्मा गांधी जी हैं। उन्होंने किताब लिखी, किताब का नाम ‘माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रूथ’। मतलब, उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी सच को समझने में लगा दी। किताब का नाम दिया- ‘माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रूथ’। मैंने सच्चाई के साथ जो एक्सपेरिमेंट्स किए हैं, उसके बारे में उन्होंने लिखा।
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एक तरफ सच्चाई- महात्मा गांधी, इसलिए पूरे हिंदुस्तान ने उनको महात्मा कहा, हिंदू। दूसरी तरफ, नाथूराम गोडसे, हिंदुत्ववादी। उसको किसी ने महात्मा नहीं कहा और न कह सकते हैं, क्योंकि नाथूराम गोडसे ने हिंदू की छाती में, सच बोलने वाले हिंदू की छाती में, सच की लड़ाई लड़ने वाले हिंदू की छाती में तीन गोली मारी, क्योंकि नाथूराम गोडसे अपने डर का सामना नहीं कर पाया। नाथूराम गोडसे एक कायर था, कमजोर आदमी था और वो अपने डर का सामना नहीं कर पाया, उसने अपने डर को नफरत में, क्रोध में बदला, हिंसा में बदला और सच्चाई जो बोल रहा था, उसकी छाती में तीन गोली मारी, इसलिए हम नाथूराम गोडसे को महात्मा कभी नहीं कह सकते, हिंदू और हिंदुत्ववादी के बीच में यह फर्क है। हिंदुत्ववादी, झूठ का प्रयोग करता है। हिंदुत्ववादी अपने डर के सामने अपना सिर झुकाता है। हिंदुत्ववादी अपने डर को नफरत में, हिंसा में बदलता है, ये फर्क है भाईयों और बहनों। हिंदू करोड़ों लोगों के साथ गंगा में स्नान करता है। हिंदुत्ववादी गंगा में अकेला स्नान करता है। एक तरफ सच्चाई, दूसरी तरफ झूठ। एक तरफ प्यार, दूसरी तरफ नफरत। एक तरफ अहिंसा, दूसरी तरफ हिंसा। हिंदू, हिंदुत्ववादी। महात्मा गांधी, नाथूराम गोडसे।
तो नरेन्द्र मोदी जी ने, वो कहते हैं, मैं हिंदू हूं, तो चलिए मैं आपसे पूछता हूँ, नरेन्द्र मोदी जी ने सच्चाई की कहाँ रक्षा की। नरेन्द्र मोदी जी ने कहा- मैं देश के दो करोड़ युवाओं को रोजगार दूँगा, सच्चाई या झूठ? हिंदू या हिंदुत्ववादी?। नरेन्द्र मोदी जी ने कहा, कोरोना के समय कहा- भाईयों और बहनों, थाली बजाओ, कोरोना चला जाएगा, हिंदू या हिंदुत्ववादी? (जनता ने फिर कहा- हिंदुत्ववादी)। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि चीन की सेना हिंदुस्तान के अंदर नहीं आई, चीन की सेना ने हजार किलोमीटर हिंदुस्तान की जमीन हड़प ली है, हिंदू या हिंदुत्ववादी? (जनता ने फिर कहा- हिंदुत्ववादी)।
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देखिए, हिंदू की जो भावना आती है, कहाँ से आती है- वो अंदर से पैदा होती है, वो प्यार की भावना होती है, निडरता की भावना होती है। जिसके दिल में प्यार नहीं है, उसके दिल में डर ही डर होगा। जिसके दिल में डर है, वो हिंदू हो ही नहीं सकता। जिसके दिल में बाकी लोगों के लिए प्यार नहीं है, जो बाकी दुनिया से गले नहीं लग सकता, वो हिंदुत्ववादी। हिंदू सबसे गले लगता है। हिंदू किसी से नहीं डरता है, हिंदू कभी झूठ नहीं बोल सकता है।
तो भाईयों और बहनों, नरेन्द्र मोदी जी आए और उन्होंने कहा, स्वयं कि मैंने ये तीन कानून जो लागू किए हैं, ये किसानों के हित के लिए मैंने कानून लागू किए हैं, याद है? (जनता ने कहा- हाँ)। पूरे देश का किसान एक साथ खड़ा हो गया, कहता हैं, नहीं, झूठ बोल रहा है। नरेन्द्र मोदी झूठ बोल रहा है। ये तीन कानून हमारे हित के नहीं हैं, ये तीन कानून अंबानी और अडानी के लिए बनाए गए हैं, पूरे देश के किसान ने ये बोला। एक साल नरेन्द्र मोदी ने क्या कहा, खालिस्तानी हैं, खालिस्तानी। हिंदुस्तान के किसान के बारे में हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने झूठ बोला, हिंदू या हिंदुत्ववादी? (जनता ने कहा- हिंदुत्ववादी)। उसके बाद प्रधानमंत्री कहते हैं, भाईयों और बहनों, यूपी का चुनाव है न, भाईयों और बहनों, गलती हो गई, माफी मांगता हूँ, मैंने गलती कर दी, माफी मांगता हूँ। फिर से झूठ, क्यों- क्योंकि नरेन्द्र मोदी जी ने गलती नहीं की, नरेन्द्र मोदी जी ने हिंदुस्तान के सबसे बड़े पूंजीपतियों के लिए काम किया था। नरेन्द्र मोदी जी ने क्या काम किया- नरेन्द्र मोदी जी ने हिंदुस्तान के किसानों से, उनकी मेहनत, उनकी कमाई छीनकर हिंदुस्तान के 2-3 सबसे बड़े पूंजीपतियों को दिलवाई। भाईयों और बहनों, इसमें कोई गलती नहीं थी, वो उन्होंने जानबूझकर काम किया था। एक बार फिर क्या है- प्रेशर, प्रेशर, दबाव। एक और बात सुन लीजिए, हिंदू प्रेशर के सामने नहीं झुकता, हिंदुत्ववादी जरुर झुक जाएगा।
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देखिए, जब नाथूराम गोडसे को फांसी लगी न, बच्चे जैसा रोया था वो, पैर कांपे थे उसके, हिंदुत्ववादी। गांधी जी रोए नहीं थे, तीन गोली लगी थी, हे राम बोला उन्होंने, एक आंसू नहीं निकला, ये होता है हिंदू। तो मैं यहाँ क्यों आया, मैं आपको ये बताने आया हूँ कि देखिए, हमारा पारिवारिक रिश्ता है, सच्चाई का रिश्ता है, पुराना रिश्ता है और बहुत लंबा रिश्ता है और ये रिश्ता कभी टूटने वाला नहीं है। ये टूट नहीं सकता। क्यों नहीं टूट सकता, मैं आपको बताता हूँ। प्रियंका ने कहा, मैं फिर से दोहराना चाहता हूँ। 30-35 साल पहले, मैं यहाँ पिता के साथ आया। सालों से हम यहाँ आए हैं। 2004 में जब मैं पहली बार एमपी बना, आपके आशीर्वाद से एमपी बना। आपके प्यार ने मुझे एमपी बनाया। आपने मुझे अपना प्यार दिया है। आपने मुझे राजनीति सिखाई है। आपने मुझे, सबने मिलकर रास्ता दिखाया है। तो मैं आपको धन्यवाद करता हूँ और मैं आपको ये आश्वासन देना चाहता हूँ कि ये पारिवारिक रिश्ता है, कभी नहीं टूटने वाला है। बस एक बात मैं आपसे कहना चाहता हूँ, एक बात मैं कहना चाहता हूँ, देखिए, झूठ और सच, झूठ और सच में आप फर्क पकड़िए। झूठ कौन बोल रहा है? (जनता ने कहा- मोदी), सच कौन बोल रहा है, (जनता ने कहा- राहुल), इस बात को आप पहचानिए और सच्चाई के साथ आप खड़े होइए।
नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी की। नरेन्द्र मोदी जी ने आपसे बोला- कालेधन के खिलाफ लड़ाई है। कालाधन मिट जाएगा नोटबंदी के बाद, सच या झूठ? (जनता ने कहा- झूठ)। कालाधन मिट गया? (जनता ने कहा- नहीं)। नरेन्द्र मोदी जी ने आपसे कहा- 15 लाख रुपया बैंक अकाउंट में जाएगा, सच या झूठ? (जनता ने कहा- झूठ)। 15 लाख रुपया मिल गया? (जनता ने कहा- नहीं) हिंदू या हिंदुत्ववादी (जनता ने कहा- हिंदुत्ववादी)। नरेन्द्र मोदी जी ने आपको जीएसटी दी। जीएसटी से छोटे दुकानदारों को, स्मॉल मीडियम बिजनेस वालों को फायदा मिला?(जनता ने कहा- नहीं)। सबसे बड़े उद्योगपतियों को, पूंजीपतियों को फायदा मिला, (जनता ने कहा- हाँ)
कोरोना के समय प्रियंका ने बोला- सबसे अमीर लोगों का नरेन्द्र मोदी जी ने टैक्स माफ किया, लाखों करोड़ रुपए और जो मजदूरों ने, अमेठी के मजदूरों ने बस टिकट मांगा, ट्रेन का टिकट मांगा, नरेन्द्र मोदी ने कहा- नहीं, तुम्हें हम ट्रेन का टिकट, बस का टिकट नहीं दे सकते। पैदल चलना है, तो चलो, ट्रेन और बस में चलना तुम्हारा हक नहीं है, सच्चाई ये है। हमने मदद करने की कोशिश की, हमने बसें लगाईं, चलने नहीं दीं। ऑक्सीजन की बात प्रियंका ने की, छत्तीसगढ़ की सरकार से हमने कहा कि अमेठी, रायबरेली, उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत है, आप भेजिए, उन्होंने भेजा। नरेन्द्र मोदी जी ने, यूपी की सरकार ने राजनीति की, आपको मरने दिया, मगर ऑक्सीजन नहीं दिया। ये है सच्चाई, भाईयों और बहनों, इसको आप पहचानिए। आपके साथ कौन खड़ा है, कौन आपको सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है, इसको आप पहचानिए।
आप दूर-दूर से आए, इसके लिए दिल से आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद।
नमस्कार। जय हिंद।
राहुल गांधी का पूरा भाषण आप यहां देख-सुन भी सकते हैं:
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