भारत ने खालीस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है। अलगाववाद एजेंडे के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया है। अप्रैल में मोदी सरकार के अनुरोध पर पाकिस्तान ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया था। इससे पहले कई बार आईएसआई द्वारा इस संगठन के सहारे पंजाब में माहौल बिगाड़ने की खबरें सामने आ चुकी हैं।
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रक्षा एजेंसियों ने लंबे समय से खालिस्तान ग्रुप सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी हुई थीं। आरोप था कि यह संगठन खालिस्तान जनमत संग्रह में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को मुफ्त हवाई टिकट दे रहा था। उधर, गृह मंत्रालय के सूत्र की माने तो वांटेड खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पम्मा को भारत-इंग्लैंड विश्व कप मैच के दौरान देखा गया था। वह सिख फॉर जस्टिस से भी जुड़े हुए हैं।
सिख फॉर जस्टिस संगठन अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन आदि में विदेशी राष्ट्रीयता के कुछ कट्टरपंथी सिखों का एक संगठन है, जो यूएपीए, अधिनियम 1967 के प्रावधान 3 (1) के तहत गैरकानूनी है। इसके खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं। इस संगठन के करीब 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है। एसएफजे के कई सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक किए गए हैं।
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न्याय के लिए यह संगठन अपने अलगाववादी विचारधारा के प्रचार के लिए करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करना चाहता है। इस बात के कोई ठोस सबूत नहीं हैं कि पाक ने समूह पर अंकुश लगाया है या प्रतिबंध लगाया है। 14 तारीख को करतारपुर वार्ता के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुरक्षा के संबंध में भारत द्वारा मुद्दा उठाए जाने की संभावना है।
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भारत सरकार ने 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन पर बैन लगा दिया है। इस गैरकानूनी सगंठन पर बैन लगाने का पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आईएसआई समर्थित संगठन से देश की सुरक्षा के लिए उठाया गया यह पहला कदम है। हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं।
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