कहा जा रहा है कि कोविड ने लोगों के दिलों को कमजोर कर दिया है। और यही वजह है कि लोगों को दिल का दौरा ज्यादा पड़ने लगा है। युवा भी इसकी शिकार बन रहे हैं। राजकोट में युवाओं में दिल का दौरा पड़ने के मामलों में वृद्धि होने से चिंता अधिक बढ़ गई है। यहां पर बीते 24 घंटों में 5 और लोगों की दुखद मौतें हुई हैं।
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बढ़ती संख्या स्वास्थ्य पेशेवरों और समुदाय के लिए चिंता का विषय है। राजकोट के पास खोखद्दल कस्बे के निवासी 34 वर्षीय राशिद खान को सोमवार सुबह बेहोश पाया गया। खान को तत्काल राजकोट सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हुई है। राशिद खान, मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला था। वह एक मजदूर के रूप में काम करता था और 8 भाई-बहनों में सबसे छोटा था।
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वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश राज ने युवा व्यक्तियों में, विशेष रूप से कोविड के बाद, दिल के दौरे के बढ़ते मामलों के बारे में चिंता जताई। उन्होंने महामारी और इस खतरनाक प्रवृत्ति के बीच एक संभावित संबंध का सुझाव दिया। डॉक्टर ने कहा कि तनावपूर्ण लाइफस्टाइल के कारण हाई ब्लड प्रेशर युवाओं में बढ़ रहा है।
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इसी तरह, 21 वर्षीय धारा परमार बेहोश हो गईं और उनके आवास पर संदिग्ध हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई। वहीं, जीआईडीसी मेटोडा में एक फैक्ट्री में रसोइया के रूप में कार्यरत 30 वर्षीय विजय संकेत भी बेहोश हो गए और उनकी मौत हो गई। मौत का कारण दिल का दौरा माना जा रहा है।
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एक अन्य घटना में, राजकोट के बाहरी इलाके कोठारिया शहर के निवासी 45 वर्षीय राजेश को 2 अक्टूबर को सुबह 10 बजे के आसपास अपने खेत में अचानक दिल का दौरा पड़ा। राजकोट सिविल अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
राजकोट के एक आवासीय अपार्टमेंट में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने वाले नेपाल के 35 वर्षीय निवासी ललित परिहार घर पर दुखद रूप से गिर गए और माना जाता है कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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