झारखंड की राजधानी रांची में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जमकर उत्पात मचाया! दरअसल रांची में सचिवालय घेराव करने जा रहे बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उनपर पत्थर और खाली बोतलें फेंकी गई। अब प्रशासन ने पत्थरबाजी एवं उपद्रव के मामले में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित बीजेपी के पांच सांसदों, तीन विधायकों सहित 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। हालांकि एफआईआर में अर्जुन मुंडा के नाम का जिक्र सांसद के तौर पर किया गया है। इनके अलावा हजारों अज्ञात भाजपा कार्यकर्ताओं को भी आरोपी बनाया गया है।
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बीजेपी ने हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ के नारे के साथ मंगलवार को रांची में जबरदस्त हंगामा किया था। भाजपाइयों ने सचिवालय को घेरने की कोशिश के दौरान पुलिस-प्रशासन की बैरिकेडिंग तोड़ दी थी। पुलिस ने उन्हें रोकने के की कोशिश कि तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जमकर पथराव किया। इस दौरान रांची का धुर्वा चौक करीब पौने दो घंटे तक रणक्षेत्र बना रहा और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
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इस प्रकरण को लेकर रांची जिला प्रशासन के कार्यपालक दंडाधिकारी उपेंद्र कुमार के बयान पर जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें सभी आरोपियों पर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्तियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
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एफआईआर में कहा गया है कि 11 अप्रैल को बीजेपी का सचिवालय घेराव का कार्यक्रम घोषित था। इसके लिए रांची के उपायुक्त और एसएसपी ने संयुक्त रूप से दंडाधिकारी, अधिकारी और सुरक्षा बलों की तैनाती संबंधित आदेश जारी किया था। शांति व्यवस्था के लिए धुर्वा, गोल चक्कर से चांदनी चौक हटिया तक 11 अप्रैल की सुबह आठ बजे से रात के साढ़े ग्यारह बजे तक धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी। इसके बावजूद नामजद आरोपियों और अज्ञात कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग उखाड़ने का प्रयास किया, उत्पात मचाया, ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल को निशाना बनाते हुए बोतल फेंका, पत्थरबाजी की।
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पत्थरबाजी के कारण ड्यूटी में तैनात एसडीओ दीपक कुमार दुबे, धुर्वा के थानेदार विमल नंदन सिन्हा, दारोगा नारायण सोरेन, सिपाही मनीष कुमार, सिपाही संतोष कुमार शर्मा, अनिल कुमार महतो और अन्य पुलिसकर्मी और घटना की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार घायल हो गए।
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उपद्रवियों को समझाने और रोकने के सभी प्रयास विफल होने के बाद वरीय पदाधिकारी के आदेश पर वाटर कैनन के माध्यम से भीड़ पर पानी की बौछार की गई। इस दौरान बीजेपी के नेताओं ने भीड़ को उकसाने का प्रयास किया। इसके बाद आंसू गैस का प्रयोग किया।
आरोपियों में सांसद अर्जुन मुंडा, सांसद संजय सेठ, सांसद निशिकांत दुबे, सांसद समीर उरांव, सांसद सुनील कुमार सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक अमित मंडल, विधायक बाबूलाल मरांडी, विधायक विरंची नारायण सिंह सहित 41 लोगों के नाम का जिक्र किया गया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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