हालात

किसान आंदोलन को बदनाम करने की सरकारी कोशिशों के बीच किसानों ने बनाई नई रणनीति, सरकार को दफ्तर पहुंचने से रोकेंगे

केंद्र सरकार और बीजेपी किसान आंदोलन को कई तरह के आक्षेप लगाकर बदनाम करने की कोशिश में लगी है। इसे देखते हुए किसानों ने भी नई रणनीति बनाई है। इसके तहत अब सरकार को दफ्तर पहुंचने से रोकने की योजना पर काम किया जा रहा है।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन निरंतर तेज हो रहा है। इस आंदोलन में अब कई राज्यों के किसान शामिल हो चुके हैं और दिल्ली की सीमाओं की घेराबंदी कर रहे हैं। इस बीच सरकारी स्तर पर कई केंद्रीय मंत्री लेख लिखकर और प्रेस कांफ्रेंस कर किसानों के आंदोलन पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं।

किसानों के आंदोलन को लेकर सरकारी स्तर पर भी हलचलें तेज हैं। सरकार में इस आंदोलन को खत्म कराने के लिए कोई बीच का रास्ता निकालने का मंथन चल रहा है। इस कड़ी में रिववार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच दोपहर में बैठक हुई। माना जा रहा है कि इस बैठक में किसानों के लिए एक नए प्रस्ताव पर चर्चा हुई। ऐसे में कयास हैं कि अगले 48 घंटे इस आंदोलन को लेकर काफी अहम हैं।

Published: undefined

इस बीच किसानों ने भी अपनी रणनीति को मजबूत करते हुए किसान आंदोलन को तेज करने की योजना बनाई है। ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान ने कहा है कि सरकार किसानों के आंदोलन को सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन मान रही थी, लेकिन अब इसमें कई राज्यों के किसान शामिल हो चुके हैं और उनके जत्थे दिल्ली की तरफ रवाना हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, उससे आंदोलन और तेज हो रहा है।

पत्रकारों से बातचीत में सत्यवान ने कहा कि “अब किसानों के साथ भूतपूर्व सैनिक, पूर्व खिलाड़ी, नौकरशाह, विभिन्न कर्मचारी संगठन और विपक्षी दल आ रहे हैं।“ उन्होंने कहा कि हमारे इस कदम से सरकार बैकफुट पर आ सकती है।

Published: undefined

गौरतलब है कि सत्यवान रविवार को हरियाणा के हजारों किसानों के साथ दिल्ली सीमा पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि “केंद्र सरकार हमें परख रही है। वह देखना चाहती है कि किसानों में कितनी एकता है। सरकार को यकीन ही नहीं था कि देश भर के किसान दिल्ली पहुंचने लगेंगे।“ उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में सरकार को अपने कार्यालय तक पहुंचने में दिक्कत आ जाएगी,क्योंकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र आदि राज्यों से अब किसानों की टोलियों का समय तय कर दिया गया है। एक टोली सात दिन तक दिल्ली में रहेगी। उसके बाद दूसरी टोली आ जाएगी। इस तरह से किसी किसान का कामकाज ठप नहीं होगा और आंदोलन भी चलता रहेगा।

Published: undefined

इस बीच किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार अपने खर्चे पर ऐसे लोगों को किसान बनाकर सामने ला रही है जिनका खेती से कुछ लेना-देना नहीं है। उत्तराखंड के किसान नेता जसबीर सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर कहा कि सरकार ने जिन 100 लोगों के कृषि कानून के समर्थन का दावा किया है उनमें से 90 का तो खेती से ही कुछ लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा कि सारे किसान हमारे साथ हैं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined