उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली नाबालिग छात्रा रेप के मामले में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। फैसले के मुताबिक, जब तक आसाराम जिंदा रहेंगे उन्हें जेल में रहना पड़ेगा। वहीं इस मामले में दोषी करार दिए गए आसाराम के दो सहयोगियों शिल्पी और शरतचंद्र को कोर्ट ने 20-20 साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने आसाराम के सेवादार शिवा और रसोइया प्रकाश को बरी कर दिया है।
कोर्ट के इस फैसले में गौर करने वाली बात यह है कि देश में पॉक्सो एक्ट लागू होने के बाद पहली बार किसी दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने पॉक्सो एक्ट में संशोधन कर अध्यादेश लाया था, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी भी दे दी थी। अध्यादेश के मुताबिक, 12 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप के केस में कम से कम 20 साल कैद या आजीवन कारावास या फिर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं 16 साल तक की बच्ची से रेप के मामले में भी सजा को सख्त करते हुए न्यूनतम सजा 10 साल को बढ़ाकर 20 साल कैद की सजा कर दिया गया है।
आसाराम केस में मौजूदा अध्यादेश लागू नहीं होता, क्योंकि यह मामला अध्यादेश के लागू होने से पहले का है। इस अध्यादेश के लागू होने से पहले पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम उम्रकैद की सजा थी, जो कि आसाराम को हुई है।
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