लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र की मोदी सरकार को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को केंद्र को ‘‘विकसित भारत संपर्क’’ के तहत बड़ी संख्या में व्हाट्सएप संदेश भेजने को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है। पिछले दिनों विभिन्न दलों के नेताओं ने सरकार पर बड़ी संख्या में विकसित भारत का व्हाट्सएप मैसेज भेजकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
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निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह ‘‘विकसित भारत संपर्क’’ के तहत बड़ी संख्या में व्हाट्सएप संदेश भेजना तुरंत बंद करे। मामले की शिकायत मिलने के बाद आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। आयोग ने कहा, ‘‘यह कदम चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा लिए गए निर्णयों का हिस्सा है।’’ उसने मंत्रालय से इस मामले पर अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है।
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वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आयोग को सूचित किया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पत्र के साथ जारी संदेश 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले भेजे गए थे। मंत्रालय ने आयोग को सूचित किया था कि कुछ संदेश संभवतः नेटवर्क संबंधी कारणों की वजह से प्राप्तकर्ताओं तक देरी से पहुंच सके।
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आयोग को कई शिकायतें मिली थीं कि आम चुनाव 2024 की घोषणा और आचार संहिता लागू होने के बावजूद सरकार की विभिन्न पहल को रेखांकित करने वाले ऐसे संदेश अभी भी आम जनता के फोन पर भेजे जा रहे हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इस संदेश पर आपत्ति जताई थी और आयोग से कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
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