पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में 27 अगस्त को एक अवैध पटाखा गोदाम में हुए बड़े विस्फोट के बाद राज्य सरकार ने पटाखा संयंत्रों को नए लाइसेंस देने या लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए नियमों को सख्त बनाने का फैसला किया है।
राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में पहले कदम के रूप में जिला स्तर पर पटाखा संयंत्रों के लिए नए लाइसेंस देने या पुराने लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। इसकी बजाय यह प्रक्रिया केंद्रीकृत की जाएगी यानी राज्य स्तर पर होगी।
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राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “नए लाइसेंस देने या लाइसेंस के नवीनीकरण में जिला स्तर पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, जहां पटाखा निर्माण कारखानों और गोदामों सहित कई ऐसी इकाइयां न्यूनतम सुरक्षा मानदंडों को अपनाए बिना काम करती थीं। इसलिए राज्य सरकार ने इस मामले में भ्रष्टाचार की संभावनाओं को खत्म करने के लिए सिस्टम को पूरी तरह से केंद्रीकृत करने का फैसला किया है।”
इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव की ओर से विभिन्न जिलाधिकारियों और जिला पुलिस अधीक्षकों को सख्त निर्देश जारी किये गये हैं। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “साथ ही, राज्य सरकार ने अवैध पटाखा संयंत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए राज्य पुलिस की खुफिया शाखा को भी शामिल करने का निर्णय लिया है - चाहे वह विनिर्माण कारखाने हों या गोदाम हों। जिला पुलिस अधीक्षकों को भी अपने-अपने जिले में ऐसी अवैध संस्थाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने और सभी अवैध पटाखों को जब्त करने के लिए कहा गया है।''
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पिछले कुछ महीनों में राज्य के विभिन्न इलाकों में अवैध पटाखा दुकानों में लगातार विस्फोट हुए हैं।
इस साल 16 मई को पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए इसी तरह के विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी। विस्फोट में मारे गए लोगों में फैक्ट्री का मालिक भानु बाग भी शामिल था।
इसके बाद 21 मई को दक्षिण 24 परगना जिले के बज बज में भी ऐसा ही धमाका हुआ था। हालांकि विस्फोट में किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन कुछ लोग घायल हो गए। इस घटना से पता चला कि कैसे पूरा बज बज क्षेत्र अवैध पटाखा कारखानों और गोदामों का केंद्र बन गया था।
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