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सेवा क्षेत्र पर गंभीर होता जा रहा है कोरोना का असर, लगातार पांचवें महीने गतिविधियों में गिरावट जारी

देश के सेवा क्षेत्र में लगातार पांचवें महीने जुलाई में भी गिरावट जारी रही। कोरोना संकट के कारण लगातार लॉकडाउन ने क्षेत्र को गतिविधियों में कमी जारी रखने और कर्मचारियों की संख्या घटाते जाने पर मजबूर किया, जिसका गंभीर असर सेवा क्षेत्र पर साफ देखा जा सकता है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

देश के सेवा क्षेत्र में लगातार पांचवें महीने जुलाई में भी गिरावट जारी रही। बुधवार को जारी एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि कोरोना संकट के कारण विभिन्न हिस्सों में लगातार लॉकडाउन ने क्षेत्र को गतिविधियों में कमी जारी रखने और कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने पर मजबूर किया, जिसका गंभीर असर सेवा क्षेत्र में बरकरार संकुचन में साफ देखा जा सकता है।

सर्वेक्षण के अनुसार जुलाई माह में आईएचएस मार्केट इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स 34.2 अंक पर रहा। हालांकि, इसमें जून के 33.7 अंक के मुकाबले मामूली सुधार रहा है। लेकिन यह लगातार पांचवां महीना है, जब सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में संकुचन रहा। सेवा क्षेत्र के खरीद प्रबंधकों के सूचकांक (पीएमआई) के मुताबिक जुलाई में सूचकांक में मामूली वृद्धि के बावजूद सेवा क्षेत्र में लगातार पांचवें महीने संकुचन रहा। इंडेक्स में पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना क्षेत्र में विस्तार को दिखाता है, जबकि 50 अंक से नीचे रहना संकुचन को दर्शाता है।

आईएचएस मार्केट इंडिया सर्विसेज के प्रमुख अर्थशास्त्री लेविस कूपर ने कहा कि इतने लंबे समय तक जारी ऐसी बड़ी गिरावट में किसी तरह का व्यापक सुधार आने में सालों नहीं तो कई महीने जरूर लग सकते हैं। आईएचएस मार्केट के अनुमान को देखते हुए मार्च 2021 में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6 फीसदी से अधिक की गिरावट का संकेत मिलता है।

कुल मिलाकर सेवा क्षेत्र में सकल मांग की स्थिति में काफी कमी हुई है, जिससे सेवा प्रदाताओं ने जुलाई में नौकरियों में और अधिक कटौती की है। रोजगार में कमी की रफ्तार तेज हुई है। सेवा क्षेत्र और विनिर्माण क्षेत्र दोनों का संयोजित पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जून के 37.8 से घटकर जुलाई में 37.2 अंक पर आ गया। इससे जुलाई माह के दौरान निजी क्षेत्र के कारोबार और गतिविधियों में और तेज संकुचन का साफ इशारा मिलता है।

सर्वेक्षण में भाग लेने वाले ज्यादातर सेवा प्रदाताओं ने सेवा क्षेत्र की गतिविधियों और ऑर्डर बुकिंग में आई गिरावट के लिए कोरोना महामारी के कारण समय-समय पर लगने वाले लॉकडाउन संबंधी उपायों, कमजोर मांग की स्थिति और कंपनियों में कामकाज के अस्थाई तौर पर निलंबन को जिम्मेदार ठहराया है। भागीदारों ने उपयागकर्ताओं की ओर से कमजोर मांग और व्यवसायों के अस्थाई तौर पर बंद होने को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।

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