आईएमए ने शुक्रवार को कहा कि कोलकाता में जूनियर चिकित्सकों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से पैदा हुई स्थिति को संभालने के लिए उनकी जायज मांगों को मानना पश्चिम बंगाल सरकार का दायित्व है। आईएमए ने आंदोलनकारियों से विरोध प्रदर्शन का तरीका बदलने की अपील भी की।
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कोलकाता के आर जी कर अस्पाल बलात्कार-हत्या मामले में पीड़िता को न्याय दिलाने समेत कई मांग कर रहे जूनियर चिकित्सकों के साथ एकजुटता दिखाते हुए भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कहा कि वे अपने बलिदान और दृढ़ संकल्प के दम पर न्याय के इस आंदोलन को इस स्तर तक ले आए हैं।
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स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुक्रवार को छठे दिन भी जारी रही, जबकि गुरुवार को अस्पताल में भर्ती कराए गए एक चिकित्सक की हालत 'गंभीर' बनी हुई है। अपने सभी राज्य और शाखा अध्यक्षों, सचिवों और पदाधिकारियों को भेजे गए संदेश में आईएमए ने कहा, “देश की चिकित्सा बिरादरी उनके (प्रदर्शनकारी डॉक्टरों) के साथ मजबूती से खड़ी है। भारतीय चिकित्सा संघ इन नायकों के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
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आईएमए ने पत्र में आगे कहा है, “आईएमए युवा डॉक्टरों से अपील करता है कि वे सबसे गंभीर तरह के विरोध प्रदर्शन से दूर रहें। मानव जीवन से अधिक कीमती कुछ भी नहीं है। राज्य का यह कर्तव्य है कि वह उचित मांगों को स्वीकार करके स्थिति को काबू में करे।
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