इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार- 2022 के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और ट्रेंड नर्सेज ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया का चयन किया गया है। आईएमए के डॉक्टरों और नर्सेज को 2020 और 2021 में कोविड महामारी के दौरान लाखों लोगों की सेवा करने के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से आज इस फैसले का ऐलान किया गया। पूर्व चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता में जूरी ने दोनों नामों पर अंतिम फैसला लिया है।
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ट्रस्ट की ओऱ से जारी बयान में कहा गया कि दुनिया इस समय कोविड-19 से उभरती नजर आ रही है, हालांकि, खतरनाक वायरस गायब नहीं हुआ है और अभी भी वह वापस आ सकता है। ट्रस्ट ने कहा कि कोरोना से दुनिया भर में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई, कई परिवार तबाह हो गए और समाज और अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा। इस प्रभाव को पूरी तरह से ठीक होने में अभी लंबा समय लगेगा।
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ट्रस्ट ने बयान में कहा कि देश में ऐसा पहली बार देखा गया कि कैसे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, कर्मचारी और अन्य हेल्थ वर्कर्स एक ऐसी महामारी का मुकाबला करने के लिए आगे बढ़े, जो उन्होंने भी पहले कभी नहीं देखी थी। इन लोगों ने खुद की जान की परवाह किए बिना लंबे समय तक लगातार काम किया। इस दौरान कई डॉक्टरों और नर्सों की जान चली गई। वे इस बात की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा करते थे कि उन्हें और उनके परिवारों को कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। उनका योगदान, उनकी मेहनत, उनकी प्रतिबद्धता और उनकी दृढ़ता मान्यता के साथ सम्मान के योग्य है।
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ट्रस्ट ने कहा कि पूर्व सीजेआई टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता में इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार की जूरी ने साल 2020 और 2021 में महामारी के सबसे बुरे समय के दौरान भारत के कोविड योद्धाओं के कामों की सराहना करने के लिए पुरस्कार के लिए चुना है। चूंकि डॉक्टरों का कोई राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नहीं है, इसलिए इस पुरस्कार को स्वीकार करने के लिए जूरी ने दो संगठनों को आमंत्रित किया है, जो भारत में डॉक्टरों और नर्सों का सबसे बड़े पैमाने पर प्रतिनिधित्व करते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 1700 शाखाएं हैं और 3,50,000 डॉक्टर सदस्य हैं। वहीं ट्रेंड नर्सेज ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया में लगभग 3,80,000 सदस्य हैं।
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